
385 करोड़ के डबल डेकर ब्रिज का प्रस्ताव लौटाया… नई डिजाइन के साथ तैयार करेंगे
इंदौर । कलेक्टर (Collector) आशीष सिंह (Ashish Singh) ने 385 करोड़ (385 crores) के फ्लाईओवर ब्रिज (Flyover Bridge) के निर्माण के प्रस्ताव को वापस लौटा दिया है। राजीव गांधी चौराहे (Rajiv Gandhi Square) पर पांच भुजा वाला डबल डेकर ब्रिज ( double decker bridge) बनाने का यह प्रस्ताव तैयार किया गया था। अब इस ब्रिज में एमआर-3, यानी रीजनल पार्क की भुजा को भी शामिल कर नए सिरे से तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
राजीव गांधी चौराहे पर यातायात के बढ़ते दबाव और लगने वाले जाम को ध्यान में रखते हुए फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण की प्लानिंग करते हुए इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा फिजिबिलिटी सर्वे करवाया गया और इस चौराहे पर डबल डेकर फ्लाई ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया। प्रारंभिक तौर पर तैयार किए गए इस प्रस्ताव में पांच भुजा का प्रावधान रखा गया। इस ब्रिज की यह प्रारंभिक योजना इस हिसाब से तैयार की गई है कि इससे यातायात का दबाव इस चौराहे पर और इसके आसपास के क्षेत्र में कमजोर हो सके। वाहन चालक अपना वाहन लेकर बिना किसी बाधा के इस क्षेत्र से आगे बढ़ सके। कलेक्टर आशीष सिंह के समक्ष कल शाम को कलेक्टर कार्यालय में इस प्रस्ताव का प्रजेंटेशन देते हुए प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रामप्रकाश अहिरवार द्वारा ब्रिज निर्माण की जानकारी को सामने रखा गया और ब्रिज के निर्माण की डिजाइन प्रस्तुत की गई। इस डिजाइन के हिसाब से इस ब्रिज के निर्माण की लागत 385 करोड़ रुपए है। चर्चा के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि इसके पास में ही इंदौर के मास्टर प्लान में प्रावधान की गई सडक़ एमआर-3 भी है। हालांकि अभी इस सडक़ का निर्माण नहीं हुआ है, लेकिन इंदौर नगर निगम द्वारा जो मास्टर प्लान की 23 सडक़ें बनाई जा रही हैं उनमें इस सडक़ का भी निर्माण होना है। जब यह सडक़ भी बन जाएगी तो फिर इसके यातायात को भी आगे बढ़ाने के लिए उसे इस फ्लाईओवर ब्रिज से जोड़ा जाना उचित और आवश्यक होगा। जैसे ही यह जानकरी रखी गई वैसे ही कलेक्टर आशीष सिंह और प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रामप्रकाश अहिरवार इस तथ्य से सहमत नजर आए। उनके द्वारा तत्काल कहा गया कि इस ब्रिज में इस बात का प्रावधान किया जाना चाहिए, जिससे कि एमआर-3 का यातायात भी इस ब्रिज से जुड़ सके। इस विचार के साथ अभी बनाई गई फ्लाईओवर ब्रिज के निर्माण की डिजाइन को संशोधन के लिए वापस भेज दिया गया है।