विदेश

भारत के आधार प्रणाली की तर्ज पर अमेरिका में लोगों की डिजिटल पहचान स्थापित करने की सिफारिश

वाशिंगटन। अमेरिकी विशेषज्ञ (american expert) ने भारत में आधार प्रणाली (Aadhaar system in India) के अनुभव का हवाला देते हुए सांसदों को सिफारिश की है कि अमेरिका एक ऐसी डिजिटल पहचान प्रणाली तैयार करे (America should create such a digital identity system) जो समावेशी हो और ज्यादातर लोगों के लिए काम करे।
नोट्रेडेम विश्वविद्यालय (University of Notredam) में नोट्रेडेम-आईबीएम टेक्नोलॉजी एथिक्स लैब की संस्थापक निदेशक प्रो एलिजाबेथ रेनेरिस (Prof. Elizabeth Raineris, Founding Director of Notredem-IBM Technology Ethics Lab) ने कांग्रेस की कृत्रिम बुद्धिमत्ता की उपसमिति की बैठक में यह अनुशंसा की।



अमेरिकी विशेषज्ञ प्रो एलिजाबेथ रेनेरिस ने कहा, हमें एक ऐसी प्रणाली तैयार करने की आवश्यकता है जो वास्तव में समावेशी हो और अधिकांश लोगों के लिए काम करे। सांसदों के सवालों के जवाब में, रेनेरिस ने भारत में आधार प्रणाली के कार्यान्वयन के अनुभव का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, हमें इस तरह से डिजिटल आईडी सिस्टम और बुनियादी ढांचे के निर्माण से बचना चाहिए जो सरकारी निगरानी का विस्तार करे, जैसा कि भारत या चीन में राष्ट्रीय पहचान प्रणाली के तहत किया जाता है।

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