इंदौर न्यूज़ (Indore News)

रजिस्ट्रार कार्यालय ने 5 माह में कमाए सवा 500 करोड़

  • 40 हजार से अधिक रजिस्ट्री हुई… पिछले साल इतने माह में 296 करोड ही आए थे खजाने में

इंदौर। रजिस्ट्रार कार्यालय (Registrar Office) के खजाने (Treasury) में 5 माह में पंजीयन एवं स्टाम्प शुल्क (Registration and Stamp Duty) से लगभग सवा 500 करोड़ रुपए आए हैं, वहीं पिछले वर्ष इतने ही माह में 296 करोड़ ही खजाने में आए थे। वरिष्ठ जिला पंजीयक बालकृष्ण मोरे (District Registrar Balkrishna More) ने बताया कि इंदौर शहर के मोती तबेला, एमओजी लाइन, ढक्कनवाला कुआं एवं प्रेस काम्प्लेक्स सहित ग्रामीण क्षेत्र महू, सांवेर और देपालपुर के रजिस्ट्रार कार्यालय में 1 अप्रैल से लेकर 31 सितंबर तक कुल 40 हजार रजिस्ट्री (Registry) हुईं, जिससे स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क (Registration and Stamp Duty) के एवज में रजिस्ट्रार कार्यालय के खजाने में कुल 521 करोड़ रुपए आए हैं, जबकि पिछले साल अप्रैल से लेकर सितंबर तक कुल 24 हजार रजिस्ट्री (Registry) हुई थीं, जिसके एवज में रजिस्ट्रार कार्यालय (Registrar Office) को 296 करोड़ रुपए मिले थे।

महामारी थमने से पंजीयन कार्यालय की कमाई बढ़ी
कोरोना महामारी (Corona Epidemic) थमने के बाद अब बड़ी संख्या में आम जनता के साथ ही बिल्डर, कॉलोनाइजर व अन्य रजिस्ट्री (Colonizer, Builder, Guidelines) कराने आ रहे हैं, जिसका परिणाम है कि इस वर्ष 5 माह में ही रजिस्ट्रार कार्यालय (Registrar Office) का खजाना लबालब हो गया है। अभी इस वर्ष को बीतने में 7 माह और बाकी हैं। पंजीयन विभाग को उम्मीद है कम से कम 800 करोड़ रुपए और खजाने में आ सकते हैं। इस वर्ष की शुरुआत से ही पिछले साल के मुकाबले हर माह ज्यादा रजिस्ट्री हो रही है। जुलाई माह में कुल 10 हजार रजिस्ट्री हुईं, जिससे पंजीयन विभाग को 125 करोड़ तथा जून माह 1100 रजिस्ट्री से 165 करोड़ मिले थे। जून के पहले सप्ताह में ही कुल 950 रजिस्ट्री हुई थीं, जिससे स्टाम्प और पंजीयन शुल्क के रूप में 10 करोड़ रुपए मिले थे।


लक्ष्य से 5 करोड़ ज्यादा मिला
कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के बावजूद वित्तीय वर्ष में रजिस्ट्रार कार्यालय (Registrar Office) को 1325 करोड़ रुपए स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क के एवज में मिले हैं। कोरोना की पहली लहर में कई दिनों तक रजिस्ट्रार कार्यालय (Registrar Office) बंद रहा और डर के मारे लोग भी रजिस्ट्री कराने कम आ रहे थे, इसलिए अफसरों को चिंता सता रही थी कि किस तरह से टारगेट पूरा होगा। अधिकारियों ने हार नहीं मानी और सक्रियता से कार्य किया, जिसका परिणाम यह रहा कि शासन ने जो 1320 करोड़ का लक्ष्य दिया था उससे 5 करोड़ ज्यादा 1325 करोड़ रुपए खजाने में मिले।

रजिस्ट्रार कार्यालय में कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य
वर्तमान में महामारी पर काबू पा लिया गया है, फिर भी अधिकारियों,कर्मचारियों के साथ ही रजिस्ट्री कराने आने वालों को भी मास्क लगाना अनिवार्य है। प्रवेश द्वार पर ही मास्क की चैकिंग की जा रही है। अगर रजिस्ट्री कराने वाला क्रेता-विक्रेता पक्ष गाइडलाइन का उल्लंघन करता है तो रजिस्ट्री रोकी भी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि गत 21 अप्रैल से बंद कार्यालय 22 दिनों बाद कलेक्टर के आदेश पर 13 मई से खोला गया। अभी कार्यालय एक ही दिन खुला और दूसरे दिन ईद होने से अवकाश रहा। तीसरे दिन शनिवार व चौथे दिन रविवार के कारण 3 दिनों तक कार्यालय बंद रहा और 17 मई से कार्यालय खुला

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