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देश के पहले इलेक्ट्रिक हाईवे का नवनिर्माण शुरू

नई दिल्ली। दिल्ली और जयपुर हाईवे (Delhi and Jaipur Highway) का नवनिर्माण शुरू हो गया है। हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर (Haryana-Rajasthan Border) पर बावल और शाहजहांपुर की सीमा से सटे जयसिंहपुर खेड़ा (Jaisinghpur Kheda) से इसके नवनिर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। राजस्थान में जयपुर की ओर पांच किलोमीटर और हरियाणा में गुरुग्राम की ओर सात किलोमीटर हिस्से का निर्माण पूरा भी कर दिया है।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दो अलग-अलग कंपनियों, विनर कंस्ट्रक्शन और पवन कुमार कंपनी को इसके निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी है। हरियाणा में पड़ने वाले इसके 64 किलोमीटर हिस्से में दोनों कंपनियां काम करेंगी, लेकिन बड़े हिस्से की जिम्मेदारी विनर कंपनी के पास रहेगी। विनर कंपनी ही बनीपुर चौक (बावल) और बिलासपुर फ्लाईओवर, सालहावास में एक छोटी पुलिया, मानेसर में एलिवेटेड रोड का निर्माण करेगी। अपने क्षेत्र में बनने वाले इस हाईवे पर हरियाणा सरकार को करीब 370 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस हाईवे के नवीनीकरण के बाद दिल्ली से जयपुर तक दो घंटे में पहुंचने का दावा किया जा रहा है। अभी जाम का पर्याय बने इस हाईवे पर 18 महीने बाद वाहन फर्राटा भर सकेंगे। इसके लिए 18 महीने की समय सीमा तय की गई है। एनएचएआई का दावा है कि डेढ़ साल की बजाय एक साल में ही काम पूरा कर लिया जाएगा।

फिलहाल इस हाईवे पर धारूहेड़ा के बाद गुरुग्राम की तरफ जाम से बुरा हाल है। जगह-जगह से रोड टूटी है। सर्विस रोड खत्म हो गई है, नालों का कहीं अता-पता नहीं है। इस हाईवे पर जाम के कई केंद्र हैं, जहां सुबह और शाम से लेकर देर रात तक निश्चित ही जाम रहता है। मसानी बैराज, कापड़ीवास मोड़, राठीवास कट, बिलासपुर, मानेसर जाम के प्रमुख केंद्र है। बनीपुर चौक इस हाईवे का सबसे मुख्य दुर्घटना संभावित क्षेत्र है। जाम से निजात और दुर्घटनाएं कम करने के लिए इन प्रमुख केंद्रों पर सुगम यातायात के लिए कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं।


बनीपुर, बिलासपुर चौक पर थ्री स्पैन फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। कापड़ीवास पर पहले से फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। बिलासपुर चौक फ्लाईओवर बनने से राठीवास कट बंद कर दिया जाएगा। फिलहाल कानपुर-आगरा-मथुरा से सोहना-नूंह, तावडू होकर आने वाले और झज्जर, रोहतक, हिसार, पंजाब या राजस्थान के एक हिस्से में जाने वाले वाहन राठीवास कट से यूटर्न लेकर बिलासपुर पहुंच पटौदी से अपने गंतव्य की ओर बढ़ते हैं। मानेसर में हाईवे आबादी और व्यवसायिक क्षेत्र के बीचो-बीच से गुजर रहा है। जिससे यहां जाम लगता है। मानेसर आईएमटी से एनएसजी कैंप तक पूरे हिस्से को एलिवेटेड बनाकर जाम खत्म किया जाएगा। मसानी बैराज पर फिलहाल दो लेन है। जिस कारण वाहनों के दबाव के कारण यहां भारी जाम लगता है। यहां दो लेन बढ़ाई जाएगी।

यह हाईवे आने वाले समय में देश का पहला इलेक्ट्रिक हाईवे बनेगा। इस हाईवे पर एक लेन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आरक्षित होगी। भविष्य की योजना को देखते हुए हाईवे पर कई स्थानों पर अभी से इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। गुरुग्राम के नजदीक तो ऐसा स्टेशन बनाया भी जा चुका है। इस केंद्र पर एक बार में 100 वाहन चार्ज किए जा सकते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी कई अवसरों पर इसकी घोषणा कर चुके हैं।

हालांकि अभी धरातल पर इसका काम शुरू नहीं हो पाया है, लेकिन इसका नवनिर्माण शुरू होने से सपनों की सड़क बनने की उम्मीद बंधने लगी है। दिल्ली-जयपुर हाईवे के नवनिर्माण का काम बॉर्डर से शुरू करा दिया है। हरियाणा के हिस्से में ज्यादा काम होना है, इसलिए यहां ज्यादा समय लगेगा। फिर भी एक साल में पूरा करने का प्रयास करेंगे। धारूहेड़ा में अंडरपास नाला और लाइट लगाने का काम भी किया जा रहा है।

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