भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सुबह से शहर के मंदिरों में हो रहेे अभिषेक अनुष्ठान पवित्र नर्मदा में स्नान करने रवाना होंगे श्रद्धालु

  • आज शुभ योगों में सावन सोमवार , सोमवती व हरियाली अमावस्या एक साथ

भोपाल। त्रि संयोग के साथ सावन माह के दूसरे सोमवार पर तीन संयोग बन रहे हैं, जो शिव और पितरों को प्रसन्न करने का खास दिन रहेगा। दरअसल, इस दिन सावन माह का दूसरा सोमवार, सोमवती अमावस्या और हरियाली अमावस्या भी रहेगी। यह शुभ अवसर वर्षों बाद आया है। मान्यताओं के अनुसार सावन के सोमवार का विशेष महत्व है। इस दिन किया पूजा पाठ निष्फल नहीं होता है। अगर किसी व्यक्ति के विवाह में बाधा आ रही है और उसके विवाह का योग नहीं बन रहा हैं, तो सावन के सोमवार भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव का अभिषेक और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान जरूर अर्पित करना चाहिए। शहर के श्री बड़वाले महादेव, गुफा मंदिर, श्री मुक्तेश्वर महाकाल, भोजपुर मंदिर सहित सभी शिव मंदिरों में भक्तों का तांता सुबह छह बजे से लगना शुरू हो गया। भगवान शिवजी के अभिषेक किए जा रहे हैं। लालघाटी गुफा मंदिर, श्री बड़वाले महादेव मंदिर कायस्थपुरा व अन्य शिव मंदिरों में फूलों से भोलेनाथ का आकर्षक श्रृंगार किया गया है। श्री बड़वाले महादेव मंदिर में 59 दिवसीय श्रावण महोत्सव के तहत प्रथम सावन सोमवार को दो क्विंटल फूलों से श्रृंगार किया गया है। बाबा बटेश्वर का भव्य अलौकिक श्रृंगार, जिसमें रजनीगंधा, गेंदे के फूल दो प्रकार के गुलाब एवं मथुरा से विशेष मोगरा मंगाया गया है। संध्या गूगल आरती विशेष डमरु दल के साथ, झांझर, नगाड़े, मंजीरे के साथ महाआरती की जाएगी।


आज अमावस्या के दिन सोमवार होने से सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी , अमावस्या जब सोमवार, मंगलवार या शनिवार के दिन पड़ती है तो इन दिनों के साथ मिलकर इसका दुर्लभ फल भी प्राप्त होता है, अमावस्या तिथि के दौरान किए जाने वाले अनुष्ठानों से मिलने वाला फल कई गुना बढ़ जाता है। सोमवती अमावस्या पर किए गए कार्य वंश वृद्धि के सूचक बनते हैं। शहर के शिवालयों और सभी मंदिरों में इस दुर्लभ संयोग के तहत सुबह से अभिषेक अनुष्ठान किए जाएंगे। भोलेनाथ का आकर्षक श्रृंगार हरियाली से किया जाएगा। शहर से हजारों भक्त नर्मदा में स्नान के लिए रवाना होंगे वहीं हरियाली अमावस्या भी होने से शहर के बाग बगीचे गुलजार रहेंगे, विभिन्न संगठनों द्वारा जगह-जगह पौधारोपण किया जाएगा, हरियाली अमावस्या पर पौधे रोपने का अपना महत्व है। सावन का दूसरा सोमवार व्रत भी कल होने से इस अमावस्या पर शिव पूजन का विशेष फल होगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का समय होने पर यह अमावस्या विशेष फलदायाी रहेगी, कल किया जाने वाला दान पुण्य एवं शिव पूजन व्यक्ति को हर प्रकार के क्लेशों से मुक्त कर देने वाला होगा ।

अमावस्या पर पुनर्वसु नक्षत्र का योग
आज चंद्रमा का पुनर्वसु नक्षत्र में गोचर होने से विशेष फल मिलेगा, चंद्रमा मिथुन राशि में संचरण करते हुए पुनर्वसु नक्षत्र में होन से कुंडली में मौजूद चंद्र दोष की शांति होगी तथा चंद्रमा के शुभ फलों को प्राप्त किया जा सकेगा। चंद्रमा के पूजन द्वारा पितरों को भी शांति प्राप्त होगी।

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