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लगातार दूसरे महीने खुदरा महंगाई में उछाल आने का अनुमान, जानिए क्‍या है कारण?

नई दिल्‍ली (New Delhi) । खाने-पीने की चीजों (food items) के ऊंची कीमतों (high prices) के चलते लगातार दूसरे महीने खुदरा महंगाई (retail inflation) में उछाल आने की आशंका जताई गई है। मिंट के सर्वे में 19 अर्थशास्त्रियों ने अनुमान जताया है कि दिसंबर में खुदरा महंगाई औसतन 5.9 पर्सेंट रह सकती है। नवंबर के दौरान यह तीन माह के उच्च स्तर 5.55 पर्सेंट पर पहुंच गई थी। अक्टूबर में यह 4.87 और सितंबर में 5.02 पर्सेंट पर थी। खुदरा मंहगाई के आंकड़े 12 जनवरी को जारी किए जाएंगे।

इस सर्वे में शामिल अर्थशास्त्रियों ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के 5.5 से 6.4 पर्सेंट बीच रहने की उम्मीद जताई है। वहीं, छह अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि महंगाई दर छह पर्सेंट या इससे अधिक रह सकती है। केंद्रीय बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है।

फलों और सब्जियों के दाम में उछाल
सर्वे में कहा गया है कि बीते त्योहारी सीजन में सब्जियों, मसालों, अनाज और दालों की कीमतों में सबसे ज्यादा उछाल देखने को मिला है। इसके चलते खाद्य महंगाई भी तेज उछाल आया है। नवंबर में यह 8.7 पर्सेंट पहुंच गई थी, जो अक्टूबर में 6.61 पर्सेंट थी।

अनाज और मसालों की कीमतें लगातार 15वें और 18वें महीने दोहरे अंक में बनी हुई है। वहीं, दालें नवंबर महीने में लगातार छठे महीने 10 पर्सेंट से ज्यादा है। ऐसे में आशंका है कि आने वाले दिनों में खाने पीने की कुछ चीजों के दाम बढ़ने से महंगाई ऊंची बनी रह सकती है।


महंगाई ऊंची रहने की आशंका
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान को 5.4 पर्सेंट पर बरकरार रखा है। आरबीआई का कहना है कि आने वाले दिनों में खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने की आशंका है। दिसंबर में मुद्रास्फीति ऊंची बनी रह सकती है। इसकी वजह से फिलहाल ब्याज दरों में रिजर्व बैंक की तरफ से कटौती की उम्मीद कम है। हालांकि, अगस्त 2024 की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में जरूर ब्याज दरें घट सकती हैं।

अन्य सर्वे में भी उछाल की आशंका
एक सर्वेक्षण में भी दिसंबर माह के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति में उछाल आने का अनुमान जताया गया है। इसमें शामिल अर्थशास्त्रियों के अनुसार, महंगाई दर नवंबर के 5.55 पर्सेंट से बढ़कर दिसंबर में 5.87 पर्सेंट रह सकती है। उनका कहना है कि खाद्य मुद्रास्फीति लगातार बढ़ रही है। दालें, मसाले और सब्जियों की कीमतों से उछाल देखा जा रहा है।

आरबीआई के दायरे से बाहर निकल सकती है: वहीं, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडिया इकनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर दिसंबर में चार महीने के उच्च स्तर 6.25 पर्सेंट पर पहुंच सकती है।

इस तरह यह आरबीआई के छह पर्सेंट के उच्च दायरे से बाहर निकल सकती है। इससे पहले अगस्त, 2023 में खुदरा महंगाई की दर 6.83 पर्सेंट रही थी। सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई दर को दो पर्सेंट घट-बढ़ के साथ चार पर्सेंट पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।

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