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रुद्राक्ष महोत्सवः इंदौर-भोपाल हाईवे को मिली जाम से निजात, अब पैदल ही कुबेरेश्वर धाम पहुंच रहे लोग

भोपाल (Bhopal)। सीहोर जिला मुख्यालय (Sehore District Headquarters) के नजदीक आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव (Rudraksh Festival) के दूसरे दिन आखिरकार पुलिस और प्रशासन की मेहनत रंग लाई. पुलिस और प्रशासन की कड़ी मशक्कत के बाद इंदौर-भोपाल हाईवे को जाम (Bhopal Indore highway jam free ) से मुक्त करा लिया गया. हालांकि अब भी बड़ी संख्या में पैदल यात्री कुबेरेश्वर धाम (Pedestrian Kubereshwar Dham) पहुंच रहे हैं। अब आसानी से हाईवे पर वाहन निकल रहे हैं।

पुलिस के अफसर और जवान मुस्तैदी से हाईवे पर तैनात हैं और जाम जैसे हालात नहीं बनने दे रहे हैं. कुबेरेश्वर धाम पर अब भी हालात बेकाबू हैं, यहां लोग अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं. दूसरे प्रदेशों से आए श्रद्धालुओं को पीने के लिए पानी तक नसीब नहीं हो रहा है, जिसे जहां जगह मिल रही है, वो वहां बैठा हुआ है।


सात दिन चलना है महोत्सव
बता दें कि सीहोर जिला मुख्यालय के नजदीक कुबेरेश्वर धाम पर 16 फरवरी से 22 फरवरी तक सात दिवसीय आयोजन जारी रहेगा. आयोजन के पहले ही दिन समिति द्वारा की गई, सभी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई. हाईवे पर 30 किलोमीटर से लंबा जाम लगा रहा. पांच से छह किलोमीटर की दूरी तय करने में लोगों को आठ से नौ घंटे का समय लगा था. हालांकि दूसरे दिन शुक्रवार को पुलिस और प्रशासन की मेहनत रंग लाई और इंदौर-भोपाल हाईवे को जाम से मुक्त करा लिया गया।

अव्यवस्थाओं के कारण लोग कुबेरेश्वर धाम के नजदीक खेतों में पड़े हुए मिले, जिसे जहां जगह मिला वहीं बैठ गया. कुबेरेश्वर धाम पर छांव के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने की वजह से लोग कड़कती धूप में बैठने को मजबूर थे. वहीं धाम के समीप स्थित खेतों पर बने कुओं का पानी पीने के लिये लोग मजबूर थे।

एक लीटर पानी के 50 रुपये
कुबेश्वर धाम के बाहर आस्था के नाम पर व्यापार चल निकला है. दूर-दराज के प्रदेशों से आए लाखों श्रद्धालुओं के लिए आयोजन समिति द्वारा सही ढंग से व्यवस्था नहीं की गई. यहां श्रद्धालुओं को पानी भी नसीब नहीं हो रहा था. अपनी प्यास बुझाने के लिए कुबेश्वर धाम के बाहर लगी दुकानों पर लोग एक-एक लीटर पानी की बोतल के लिए 20 से 50 रुपये चुकाने को मजबूर हो रहे हैं।

रेलवे स्टेशन-बस स्टेशन पर भी परेशानी
रेलवे स्टेशन पर लोग अपनी जाम जोखिम में डालते हुए नजर आए. लोग यहां ट्रेन में बैठने के लिए पटरियों पर ही खड़े नजर आए. रेलवे स्टेशन पर पैर रखने की जगह नहीं थी, यही हाल शहर के बस स्टैंड का भी दिखा. लोग अपने गंतव्य तक जाने के लए वाहनों का इंतजार करते दिखे, लेकिन हाईवे पर लगे जाम की वजह से बस स्टैंड पर वाहन नहीं पहुंच सका. यात्री बस 15 से 20 घंटे देरी से पहुंची।

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