भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

संविदा कर्मियों को नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन

  • मप्र के करीब डेढ़ लाख संविदा कर्मचारियों का सीएम ने दी सौगात
  • सालाना कॉन्ट्रैक्ट कल्चर होगा खत्म, स्थायी कर्मचारियों की तरह सुविधाएं भी

भोपाल। मप्र के करीब डेढ़ लाख संविदा कर्मचारियों को सालाना कॉन्ट्रैक्ट कल्चर से मुक्ति मिल गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि मैं यह फैसला कर रहा हूं कि संविदा कर्मचारियों की प्रतिवर्ष अनुबंध की प्रक्रिया समाप्त की जाती है। उन्होंने यह ऐलान भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में संविदा कर्मचारियों के प्रांतीय सम्मेलन में किया।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा, आपकी दृष्टि और कार्यकुशलता नियमित कर्मचारियों से रत्ती भर भी कम नहीं है, कई मायनों में ज्यादा है। जरूरत पडऩे पर संविदा कर्मचारियों ने नियमित कर्मचारियों से ज्यादा काम करके दिखाया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा किया कि संविदा कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ सबको दिया जाएगा। नियमित कर्मचारियों के समान 100 प्रतिशत वेतन दिया जाएगा। अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिलेगा। रिटायर्मेंट पर ग्रेजुएटी मिलेगी। अवकाश नियमित कर्मचारियों के बराबर मिलेगा। प्रदर्शन के दौरान दर्ज केस वापस होंगे। कटा हुआ वेतन वापस होगा। नियमित नियुक्ति में 50 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।

तुम्हारी मुस्कुराहट ने मेरी जिंदगी सार्थक कर दी
सीएम ने कहा, मेरे भांजे-भांजियों आज तुम्हारे चहरे की मुस्कुराहट ने मेरी जिंदगी सार्थक कर दी। आज इक्युएशन बदली हुई है, क्योंकि इससे पहले कहा जाता था कि ‘चाहे कोई मजबूरी हो मांग हमारी पूरी होÓ कहते हुए एक तरफ अधिकारी और एक तरफ कर्मचारी दिखते थे। आज मैं और मेरे मंत्री आप सभी का स्वागत करने आए हैं। प्रिय भांजे-भांजियों आपके इस प्यार पर तो जिंदगी न्यौछावर है। सीएम ने कहा, आप सभी ने बहुत अद्भुत काम किया है, मुझे कहने में कोई हिचक नहीं है कि आप लोगों ने नियमित कर्मचारी से कदम से कदम मिलाकर काम किया है और जरूरत पड़ी तो उनसे ज्यादा काम करके भी दिखाया है। मैं कोरोना काल में मुख्यमंत्री बना था और उस समय आप लोगों ने अपनी जान की बाजी लगाकर जनता की जिंदगी बचाने का काम किया


आप सब लोगों को प्रणाम करता हूं… मप्र तेजी से विकास कर रहा
सीएम ने कहा, आज मध्यप्रदेश तेजी से बढ़ रहा है, हमारी इस साल विकास दर 16 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि पिछले साल तो 19 प्रतिशत थी, हम देश में नंबर-1 हैं। मध्यप्रदेश की पर कैपिटी इनकम बढ़ रही है, बजट का साइज बढ़ रहा है, सड़कों का जाल बिछ रहा, स्वास्थ्य केंद्रों की श्रृंखला, सिंचाई की सुविधाओं का विस्तार हो रहा है, पीने के पानी का इंतजाम, ग्रामीण सड़कें, सीएम राइज स्कूलों में सभी विभाग ने बढ़-चढ़कर काम किया और अब हमारा मध्यप्रदेश हिंदुस्तान में सम्मानजनक मुकाम बनाने में सफल हुआ है। सीएम ने कहा, आप लोगों की क्षमता और कार्यकुशलता नियमित कर्मचारियों से रत्ती भर भी कम नहीं है, बल्कि कई मामले में ज्यादा है, तकनीकी मामले में आप लोग काफी आगे हैं, आप लोगों में सेवा का भाव है। आप मेरे बाएं-दाएं हाथ के साथ-साथ मेरे दिल भी हैं, चाहे एएनएम, स्टाफ नर्स, लैब टैक्निशियन, फार्मासिस्ट हों या चाहे गर्मी, बरसात और रात-दिन का भेद मिटाकर मध्यप्रदेश को उजाला देने वाले हमारे विद्युत विभाग के संविदा कर्मचारी, पंचायत विभाग के कर्मचारी, शिक्षा, खेलकूद एवं युवा कल्याण के हों आप सबने अपने-अपने कामों को बेहतर तरीके से अंजाम देकर मध्यप्रदेश की इज्जत और सम्मान को बढ़ाया है। सीएम ने कहा, मध्यप्रदेश का आज जो भव्य स्वरूप बनकर तैयार हो रहा है, उसकी नींव के पत्थर हैं हमारे संविदाकर्मी हैं।भांजे-भांजियों, मैं तुम्हारी जिंदगी से अनिश्चितता समाप्त करने आया हूं, मैं फैसला कर रहा हूं कि संविदा कर्मचारियों की प्रतिवर्ष अनुबंध की प्रक्रिया समाप्त की जाती है। गर्दन पर तलवार लटकाकर ये कहना कि काम कर, नहीं तो गर्दन कटी ये मानवीय कृत्य नहीं है। कई लोगों ने तर्क दिए कि संविदाकर्मी काम इसीलिए करते हैं कि अगर एक साल में अनुबंध खत्म हो गया तो दोबारा रिन्यूअल नहीं होगा। मैं फैसला कर रहा हूँ कि संविदा कर्मचारियों की प्रतिवर्ष अनुबंध की प्रक्रिया समाप्त की जाती है। मुझे विश्वास है कि आप पहले से भी ज्यादा ईमानदारी से काम करोगे। सीएम ने कहा, हम तय कर रहे हैं कि नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ सभी को दिया जाएगा। ताकि हमारे रिटायरमेंट के बाद कुछ चीज ऐसी होना चाहिए, जिससे हम अपना बुढ़ापा आसानी से गुजार सकें। पिछली बार बात 90 प्रतिशत की हुई थी लेकिन अब 100त्न केलकुलेशन मानकर सारा काम किया जाएगा। स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ सभी को प्रदान किया जाएगा, साथ ही अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाएगी। रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी की व्यवस्था की जाएगी। नियमित पदों पर भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। नियमित कर्मचारियों के समान अवकाश की सुविधा दी जाएगी, विशेषकर मातृत्व अवकाश। कर्मचारियों का काटा हुआ वेतन वापस किया जाएगा और कोई केस भी नहीं चलेगा।

बीच में थोड़ी लड़ाई हो गई थी अपनी
मुख्यमंत्री ने मुस्कुराकर संविदा कर्मचारियों से कहा, बीच-बीच में थोड़ी लड़ाई हो गई थी अपनी। वेतन काट लिया था। पूछा- किस – किस का वेतन कटा हाथ उठाओ। घोषणा करते हुए बोले- आंदोलनों और हड़ताल के दौरान काटा गया वेतन वापस किया जाएगा। जितना मेरा सम्मान है, उतना आपका भी सम्मान है रहेगा।

मप्र में 2015 में संविदा भर्तियों की हुई शुरुआत
मध्यप्रदेश में संविदा भर्तियों की शुरुआत 2015 में हुई थी। इसके लिए सरकार ने राजपत्र जारी किया था। इन्हें लाने की बड़ी वजह थी- सरकार के खर्चे कम करना। संविदा पर भर्ती कर्मचारियों की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार करने का प्रावधान है। इसमें कर्मचारी का सरकार के साथ कॉन्ट्रैक्ट होता है। हालांकि, नियमित कर्मचारियों की कमी को देखते हुए विभागों को अधिकृत कर दिया गया कि वे विभागाध्यक्ष कार्यालयों में संविदा पर फिक्स वेतन पर भर्ती कर सकें। अभी तक इन कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी और अन्य लाभ नहीं मिलते थे।

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