इंदौर न्यूज़ (Indore News)

कौओं में मिला एवियन इनफ्लूएंजा पोल्ट्री फार्म से भी लिए सैम्पल


डेली कॉलेज सहित आसपास के डेढ़ हजार से अधिक घरों में सर्वे… इंसानों में फैलने के कोई प्रमाण नहीं
इंदौर। हर दो-चार साल में पक्षियों में बर्ड फ्लू वायरस मिलता रहा है, जिससे इंसानों को कोई नुकसान नहीं होता है। अभी बीते तीन दिनों से डेली कॉलेज और आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कौओं की मौत के बाद मीडिया के जरिए दहशत होने लगी। अभी कोरोना वायरस के कारण पहले से ही लोग डरे हुए हैं। नतीजतन स्वास्थ्य विभाग ने 1 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 70 हजार लोगों की जांच शुरू की और 1700 से अधिक घरों पर दस्तक दे दी। वहीं रेंडमली पोल्ट्री के नमूने भी लिए गए। कौओं की मौत का कारण एवीयन इन्फ्लूएंजा एच5एन8 बताया गया है।
कोरोना संक्रमण के कारण पहले से ही जनता डरी हुई है। वहीं इसी बीच ब्रिटेन से मिले नए स्ट्रेन को लेकर भी खौफ रहा, तो कौओं की मौत के चलते एक बार फिर डर का माहौल उत्पन्न हुआ। हर बार की तरह मीडिया ने भी सनसनीखेज खबरें इस संबंध में प्रसारित कर दी, जबकि चिकित्सकों का साफ कहना है कि बर्ड फ्लू पक्षियों में ही रहता है और इंसानों पर इसका कोई असर अभी तक नहीं देखा गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी डेली कॉलेज और उसके आसपास एक किलो मीटर के दायरे में रहने वाले लोगों का सर्वे करवाया जा रहा है। इस संबंध में डॉ. अनिल डोंगरे ने बताया कि मूसाखेड़ी, पालदा नाका, आजाद नगर, रेसीडेंसी, स्नेहलतागंज, चौहान नगर जैसे क्षेत्रों में साढ़े 6 हजार से अधिक लोगों का सर्वे किया और 1600 से अधिक घरों तक टीम पहुंची। एक किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 70 हजार लोगों की जांच की जा रही है। पहले हालांकि 5 किलोमीटर का एरिया कवर करना था, लेकिन बाद में फिर एक किलोमीटर का ही किया जा रहा है, क्योंकि सारे अफसरों के बंगले भी इसी एरिया में मौजूद हैं। डॉ. डोंगरे के मुताबिक कौओं की मौत का कारण एवीयन एन्फ्लूएन्जा है, जिसमें एच5एन8 स्ट्रैन मिला है। यह जांच भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान की लैब से करवाई गई। वहीं इसके साथ ही एहतियात के तौर पर कुछ पोल्ट्री से भी रैंडमली सेम्पल लिए गए। इसका मकसद यह है कि अगर मुर्गे-मुर्गियों में यह वायरस पाया गया, तो अवश्य लोगों को हिदायत दी जाएगी कि वे थोड़े दिन चिकन का सेवन ना करें। पूर्व में भी बर्ड फ्लू के चलते इस तरह की हिदायत दी गई थी। हालांकि अभी ऐसी कोई स्थिति स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नजर नहीं आ रही और लोगों से भी अनुरोध किया गया कि घबराने की जरूरत नहीं है। बर्ड फ्लू पक्षियों में ही रहता है, इंसानों में नहीं।

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