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संकष्टी चतुर्थी: भगवान गणेश की इस तरह करें पूजा, जीवन की सब बधाएं होगी दूर

हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है। आषाढ़ माह में संकष्टी चतुर्थी व्रत आज यानी 27 जून, 2021 को है। इस दिन विधि- विधान से प्रथम पूजनीय भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा- अर्चना की जाती है। भगवान गणेश की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं (wishes) पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi ) व्रत पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व और सामग्री की पूरी लिस्ट…

संकष्टी चतुर्थी मुहूर्त

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – जून 27, 2021 को 03:54 दोपहर
चतुर्थी तिथि समाप्त – जून 28, 2021 को 02:16 दोपहर तक
संकष्टी के दिन चन्द्रोदय – 10:03 रात


संकष्टी चतुर्थी का महत्व
इस पावन दिन विधि- विधान से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से सभी कष्टों और पापों से मुक्ति मिलती है।
इस दिन व्रत रखने से भगवान गणेशा की कृपा से व्यक्ति का जीवन आनंद से भर जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संकष्टी चतुर्थी का व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है।

संकष्टी चतुर्थी पूजा- विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। गणपित भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान गणेश को पुष्प अर्पित करें। भगवान गणेश को दूर्वा घास भी अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दूर्वा घास चढ़ाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। भगवान गणेश को सिंदूर लगाएं। भगवान गणेश का ध्यान करें। गणेश जी को भोग भी लगाएं। आप गणेश जी को मोदक या लड्डूओं का भोग भी लगा सकते हैं। इस व्रत में चांद की पूजा का भी महत्व होता है। शाम को चांद के दर्शन करने के बाद ही व्रत खोलें। भगवान गणेश की आरती जरूर करें।

नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्नमा ध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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