नई दिल्ली। एक विशेष अदालत द्वारा दिए गए फैसले में भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) की जब्त संपत्ति में से 5646.54 करोड़ रुपये की संपत्ति बैंकों को सौंपने का आदेश दिया गया है। विशेष न्यायाधीश (special judge) जे सी जगदाले ने आदेश सुनाते हुए कहा कि उसकी संपत्तियों के दावेदार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हैं। अदालत के आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुवाई में बैंकों का समूह बंद पड़ी एयरलाइन किंगफिशर (airline kingfisher) से जुड़े फंसे कर्ज की वसूली के लिये भगोड़े विजय माल्या की रियल एस्टेट संपत्ति और प्रतिभूतियों को बेच सकता है।
हालांकि माल्या और उनकी कंपनियों ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि संपत्ति कई साल पहले हासिल की गई थी, उस समय घोटाला नहीं हुआ था। यह भी दावा किया गया कि ईडी द्वारा उनकी कुर्की के खिलाफ दायर अपीलें अभी लंबित पड़ी है। ऐसे में याचिका सुनवाई योग्य नहीं थी।
बता दें कि एसबीआई की अगुवाई में 11 बैंकों के समूह ने माल्या को कर्ज दिया था। समूह ने मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) से जुड़े मामलों को देखने वाली विशेष अदालत से संपर्क कर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त संपत्ति उसे लौटाने का आग्रह किया था। मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत ने बैंकों को 5,646.54 करोड़ रुपये की संपत्ति वापस किये जाने की अनुमति दी।
एसबीआई के एक अधिकारी के अनुसार आदेश में उल्लेखित संपत्तियों का संकेतस्वरूप कब्जा उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करने के बाद कर्जदाताओं द्वारा लिया जाएगा। उसने कहा कि बैंकों में वसूली प्रक्रिया वित्तीय परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण तथा पुनर्निर्माण और प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम (सरफेसी), 2002 द्वारा निर्देशित होती है. उन संपत्तियों की नीलामी या बिक्री दिशानिर्देशों के अनुसार उपयुक्त समय पर की जाएगी।
विदिति हो कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या पर लगभग 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप है। इसी के चलते बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस शामिल है। कारोबारी विजय माल्या अप्रैल 2019 में अपनी गिरफ्तारी के बाद से प्रत्यर्पण वारंट पर ब्रिटेन में जमानत पर हैं।