भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सरकार की नहीं सुन रहे स्कूल… नौनिहालों की निगरानी कह कोई व्यवस्था ही नहीं

भोपाल। निजी स्कूलों में नौनिहालों की निगरानी पर स्कूल ही मनमानी पर अड़े हैं। शाला पूर्व संचालित निजी व नए केंद्र यानी नर्सरी, एलकेजी-यूकेजी कक्षाएं चलाने वाले स्कूलों को दो साल पहले शासन ने महिला एवं बाल विकास विभाग के पोर्टल पर पंजीयन कराने के आदेश दिए थे, लेकिन प्रदेश में अभी तक 203 ही ऐसे स्कूलों ने पंजीयन कराया। छोटी कक्षाओं के केंद्र चलाने वाले स्कूलों की निगरानी व नियमन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को जिम्मा दिया है, लेकिन स्कूल इससे बचने के लिए पंजीयन ही नहीं करा रहे।


महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रायवेट क्षेत्र में पूर्व से संचालित एवं नवीन संचालित होने वाले शाला पूर्व शिक्षा केंद्रों के नियमन एवं निगरानी के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग के पोर्टल (एमपीडब्ल्यूसीडीएमआइएस डाट जीओवी डाट इन) पर इन केंद्रों के पंजीकरण के लिए सुविधा चार अगस्त 2020 से प्रारंभ की गई। आनलाइन पंजीयन सुविधा प्रारंभ होने के बाद प्रदेश में अब तक लगभग 203 शाला पूर्व शिक्षा संस्थानों का पंजीयन विभागीय पोर्टल पर हुआ है, जो कि वर्तमान में संचालित हो रहे निजी शाला पूर्व शिक्षा केंद्रों से बहुत कम है। पूर्व से संचालित एवं नवीन संचालित हो रहे व निजी शाला पूर्व शिक्षा केंद्रों के विभागीय पोर्टल पर आनलाइन पंजीकरण के लिए अब विभाग ने जिलों से जानकारी मांगी है।

1060 रूपए है फीस,नहीं करा रहे जमा
महिला एवं बाल विकास विभाग के पोर्टल पर पंजीयन के लिए फीस भी ज्यादा नहीं रखी गई है। यह कुल 1060 रूपए है जो आनलाइन ही जमा करना है। ग्वालियर सहित प्रदेशभर में जितने भी स्कूलों ने अभी तक पंजीयन कराया है उसमें सभी ने फीस नहीं भरी है।

इसलिए जरूरी निगरानी
पहली कक्षा से पूर्व संचालित कक्षाओं में छोटे छोटे बच्चे पढ़ते हैं, इनको पढ़ाने सिखाने व खिलाने के साथ साथ क्या क्या आहार दिया जा रहा है,इन सभी बिंदुओं पर विभाग की निगरानी जरूरी है। पंजीयन में स्कूलों को अपने बच्चों की संख्या, सुविधा से लेकर पूरी जानकारी देना होगी, जिससे इन स्कूलों की निगरानी विभाग के अफसर कर सकें।

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