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वैज्ञानिकों ने कही ये खास बात, ओमिक्रॉन के बाद भी आ सकते हैं नए वेरिएंट्स


वॉशिंगटन । दुनिया के तमाम देश ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के कारण कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Infection) की मार झेल रहे हैं और इस पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन इस बीच वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह वेरिएंट कोरोना वायरस का आखिरी वेरिएंट नहीं होगा. क्योंकि आगे भी इस तरह के वेरिएंट्स देखने को मिल सकते हैं. शुरुआती संक्रमण की वजह से इस वायरस को म्यूटेट (Mutation of Coronavirus) होने का मौका मिलेगा. वैक्सीन और नेचुरल (Corona Virus Vaccine and Natural) तरीके से मिली इम्युनिटी (Immunity)  होने के बावजूद यह लोगों को संक्रमित कर रहा है.

बतादें कि इसका अर्थ यह निकलता है कि अधिक से अधिक लोगों में यह वायरस आगे भी विकसित हो सकता है. इन विशेषज्ञों ने कहा कि, हम यह नहीं जानते हैं कि अगला वेरिएंट कैसा दिखेगा या वह महामारी को कैसे आकार दे सकता है, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि ओमाइक्रोन के सीक्वेल से मामूली बीमारी होगी या मौजूदा वैक्सीन उसके खिलाफ काम करेगी. उन्होंने कोरोना वैक्सीनेशन को तेजी से जारी रखने की अपील की है और यह भी कहा है कि मौजूदा वैक्सीन इस महामारी से लड़ने में प्रभावी है.



बॉस्टन यूनिवर्सिटी के महामारी विशेषज्ञ लियोनॉर्डो मार्टिनस ने कहा कि, तेजी से फैलने के कारण ओमिक्रॉन को और म्यूटेशन तैयार करने का अवसर मिलेगा, जिसकी वजह से और ज्यादा वेरिएंट्स के आने की संभावना बढ़ेगी. मध्य नवंबर में इस वेरिएंट के मिलने के बाद से यह दुनियाभर में आग की तरह फैला है. रिसर्च में पता चला है कि ओमिक्रॉन, डेल्टा वेरिएंट की तुलना चौगुनी गति से संक्रमित करता है.

गौरतलब है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट ब्रेकथ्रू इंफेक्शन का कारण भी बना है और इसने वैक्सीन ले चुके लोगों को भी संक्रमित कर दिया है. इसके अलावा यह वेरिएंट उन लोगों पर भी हमला कर रहा है जिनके पास वैक्सीन की सुरक्षा नहीं है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार, 3 से 9 जनवरी के बीच दुनियाभर में कोविड-19 के करीब डेढ़ करोड केस सामने आए हैं जो कि पिछले सप्ताह की तुलना में 55 फीसदी ज्यादा है.

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