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इंडिया गठबंधन में उलझा सीट बंटवारा, 8 सीटों की मांग को लेकर लेफ्ट पार्टियों ने नीतीश-लालू पर बनाया दबाव

पटना (Patna) । भाजपा (BJP) को हराने के लिए छोटे-बड़े 28 विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन (india alliance) में सीट बंटवारा (seat sharing) सुलझने की बजाय उलझता ही जा रहा है। बिहार (bihar) में महागठबंधन दलों के बीच सीट बंटवारे की बातचीत में दरकिनार महसूस कर रही लेफ्ट पार्टियों ने नीतीश कुमार और लालू यादव पर 8 सीटों की मांग के साथ दबाव बढ़ा दिया है। लेफ्ट को लग रहा था कि आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू आपस में ही बात कर रही हैं और लेफ्ट को पूछा तक नहीं जा रहा है। महागठबंधन की 6 पार्टियों में जेडीयू, कांग्रेस और आरजेडी सरकार में शामिल है जबकि 16 विधायकों के साथ सीपीआई-एमल, सीपीआई और सीपीएम बाहर से समर्थन दे रही है।


कांग्रेस की 8-10 सीटों की मांग से पहले से तनाव में चल रही आरजेडी और जेडीयू का संकट अब दीपांकर भट्टाचार्य के नेतृत्व वाली सीपीआई-माले और डी राजा की अगुवाई वाली सीपीआई ने 3 सीटें मांग कर और गहरा दिया है। सीपीआई- माले के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की। दोनों पक्षों के बीच इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर चर्चा हुई। माले ने तेजस्वी के सामने 5 सीटों पर दावेदारी जताई है। इससे पहले माले छह सीटें मांग रही थी। माले के प्रतिनिधिमंडल में पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा, राजाराम सिंह और केडी यादव शामिल थे। माले के 12 विधायक हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी ने आरा सीट पर माले का समर्थन किया था और बदले में माले ने पाटलिपुत्र में आरजेडी का।

माले के अलावा बिहार में प्रभाव के हिसाब से दूसरे नंबर की लेफ्ट पार्टी सीपीआई ने बेगूसराय, बांका और मधुबनी सीट की मांग की है। भाकपा महासचिव डी राजा के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से मुलाकात कर दावेदारी का पत्र सौंपा। सीपीआई ने इंडिया गठबंधन की सफलता के लिए सकारात्मक, सहयोगात्मक और लचीला रुख अपनाते हुए सभी घटक दलों से सम्मानजनक समझौता करने की जरूरत बताई। पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि सीपीआई ने महागठबंधन के घटक दल के रूप में तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारने का मन बनाया है।

उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी पर पुनर्विचार करते हुए गठबंधन हित में तीन सीट पर उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है। पांडेय ने कहा कि सम्मानजनक समझौते के तहत घटक दल बिना समय गंवाए भरोसे का माहौल पैदा करें। सीपीआई के विधानसभा में दो विधायक हैं। दो विधायक तीसरी लेफ्ट पार्टी सीपीएम के भी हैं लेकिन लोकसभा चुनाव के लिहाज से कोई क्षेत्र नहीं है जहां वो गंभीर रूप से दावा पेश कर सके। माना जा रहा है कि सीपीआई-माले 2-3 सीट और सीपीआई बेगूसराय सीट मिलने पर तैयार हो सकती है।

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