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फडणवीस को CM नहीं बनाने की शर्त पर BJP संग सरकार बनाने को तैयार थे शरद पवारः बावनकुले

पुणे (Pune)। महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले (Maharashtra BJP chief Chandrashekhar Bawankule) ने बुधवार को 2019 विधानसभा चुनाव (2019 Assembly Elections) के बाद बने हुई राजनीति उठापटक (politics upheaval) को लेकर नया दावा किया। उन्होंने कहा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन करने के इच्छुक थे, लेकिन उनकी शर्त थी कि देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए।

बावनकुले ने संवाददाताओं से कहा कि यह शरद पवार का एजेंडा था। वह फडणवीस को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री नहीं बनते देखना चाहते थे। उन्हें पता था कि अगर फडणवीस सीएम बने, तो एनसीपी की हालत खराब हो जाएगी। उन्होंने 2014 और 2019 में इसका अनुभव किया था। वह सीएम के रूप में किसी और के साथ जाने को तैयार थे।


इससे पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वह अपने दावे पर कायम हैं कि नवंबर 2019 में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार के साथ जो सरकार बनाई थी, उसे राकांपा मुखिया शरद पवार का समर्थन प्राप्त था। फडणवीस ने कहा था कि उनका बयान 100 फीसदी सच है और वह झूठ नहीं बोल रहे हैं।

फडणवीस ने भी किया था दावा
दरअसल, कुछ समय पहले फडणवीस ने कहा था कि अजित पवार के साथ बनाई गई सरकार को शरद पवार ने अपनी सहमति दी थी और सबकुछ उनकी जानकारी में हुआ था। फडणवीस ने कहा था कि 2019 में उन्हें मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह रचा गया, लेकिन चक्रव्यूह को किस तरह तोड़ा जाए, यह हमें पता था। हमने उस चक्रव्यूह को तोड़ा और एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर सरकार बनाई।

जानिए क्या हुआ था घटनाक्रम
बता दें कि तीन साल पहले अक्तूबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। भाजपा ने 105 सीटों पर और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दोनों पार्टियां सरकार बनाने की स्थिति में थीं, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों में विवाद हो गया। सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा और शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली।

शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनने से पहले 23 नवंबर की सुबह एक नाटकीय घटनाक्रम हुआ, जिसमें तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अचानक देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी। हालांकि, शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को समर्थन देने का एलान कर दिया था। आखिरकार बीजेपी को पीछे हटना पड़ा और महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बन गई थी।

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