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MCD: दिनभर की शांति के बाद रात में हंगामा, AAP-BJP पार्षदों के बीच हाथापाई

नई दिल्ली (New Delhi)। भले ही दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) को अपना नया मेयर (new mayor) मिल गया है। दरअसल, बुधवार को मेयर चुनाव का रास्ता तो साफ हो गया, लेकिन इसके बाद जो स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव (standing committee election) होना है, वो फंस गया है। सिर्फ 250 में से 47 पर्षदों ने ही वोट डाला है। बताया जा रहा है कि पांच पार्षदों ने वोट तो डाला लेकिन बैलेट पेपर वापस (not return the ballot paper) ही नहीं किया। उस वजह से सदन में जमकर हंगामा (ruckus in the house) हुआ। सदन में हंगामा इस कदर बढ़ गया है कि पार्षदों के बीच हाथापाई (scuffle between councilors) की नौबत आ गई है। इतना ही नहीं, पार्षदों के बीच मुक्केबाजी हुई है, पानी फेंका गया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उनमें पार्षद एक दूसरे पर पानी की बोतलें तक फेंक रहे हैं। बवाल की वजह से कुछ देर पहले सदन को स्थगित तक कर दिया गया था। लेकिन जब कार्यवाही फिर शुरू हुई और जमकर बवाल हो गया।


स्थाई समिति के सदस्यों के चुनाव के दौरान सदन तीन बार स्थगित हुआ। महापौर और उप-महापौर चुनाव के दौरान मोबाइल और पेन को प्रतिबंधित किए जाने के बाद स्थाई समिति सदस्यों के चुनाव इनकी इजाजत देने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। विवाद से पहले 47 पार्षदों को बैलेट पेपर इश्यू किए जा चुके थे। जिनमें से कुछ ने वोट भी दे दिए थे। भाजपा पार्षदों का कहना था कि पूरा चुनाव नए सिरे से कराना होगा, वहीं आप पार्षदों का कहना था कि जो बैलेट पेपर जारी हो चुके हैं और वोट पड़ चुके हैं, वे अब मान्य हैं और बाकी वोट बिना मोबाइल के डाले जा सकते हैं। इसी बात को लेकर बुधवार देर रात तक सदन की बैठक स्थगित रही।

क्रॉस वोटिंग के आसार
स्थाई समिति का चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं कि छह पदों के लिए भाजपा ने जहां तीन प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, वहीं आम आदमी पार्टी ने चार प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। ऐसे में स्थायी समिति के सदस्यों के लिए चुनाव होने की स्थिति में भाजपा और आप दोनों की तरफ से क्रॉस वोटिंग के आसार हैं। सूत्रों का दावा है कि दोनों दलों के नेता एक-दूसरे के पार्षदों के संपर्क में हैं और अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराने की कोशिश में भी जुटे हुए हैं।

अध्यक्ष पद के लिए चाहिए 10 वोट
स्थायी समिति में 12 सदस्य 12 जोन से आते हैं, जबकि छह सदस्य निगम सदन से चुनकर आते हैं। ऐसे में स्थायी समिति के अध्यक्ष पद पर कब्जा करने के लिए 18 में से दस सदस्य चाहिए। वर्तमान में आप और भाजपा के पास पांच-पांच जोन में पूर्ण बहुमत है, जबकि नरेला जोन और मध्य जोन में बराबर का मुकाबला है। मध्य जोन में अगर कांग्रेस ने भाजपा को समर्थन दिया तो यह जोन भी भाजपा जीत सकती है। एल्डरमैन (मनोनीत सदस्य) वार्ड समिति में अध्यक्ष से लेकर उपाध्यक्ष और स्थायी समिति के सदस्य के लिए वोट कर सकते हैं। दोनों ही पार्टियां सदन में तीन से चार सदस्य जिताने की जुगत में हैं ताकि स्थायी समिति का अध्यक्ष का पद उनका हो जाए।

किसके पास हैं कितने सदस्य
आम आदमी पार्टी: 134 व 1 निर्दलीय
राज्यसभा सांसद : 3
विधायक: 13

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