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मां के दिवालिया होने से नाराज था शिंजो आबे का हत्यारा, खुद बनाई थी बंदूक : रिपोर्ट

लंदन । शिंजो आबे (Shinzo Abe) की हत्या (killing) करने वाले व्यक्ति का मानना है कि जापान (Japan) के पूर्व प्रधानमंत्री एक धार्मिक समूह से जुड़े थे, जिसे आरोपी ने अपनी मां की आर्थिक बर्बादी के लिए जिम्मेदार ठहराया है. उसने घर पर ही वह बंदूक (gun) बनाई थी, जिससे शिंजो आबे पर हमला किया. पुलिस ने स्थानीय मीडिया को यह जानकारी है. शिंजो आबे की हत्या के आरोप में पुलिस ने 41 वर्षीय तेत्सुया यामागामी को गिरफ्तार किया गया है.

जापानी टेलीविजन पर बार-बार दिखाए गए वीडियो में एक व्यक्ति पीछे से चुपचाप जापान के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री के पास आता है और उनके ऊपर फायरिंग करता है. वीडियो में झबरा बालों वाले संदिग्ध को चौराहे पर एक रिसर पर खड़ा देखा जा सकता है. वह आबे के ठीक पीछे सड़क पर आता है और काले टेप में लिपटे 40-सेमी लंबे (16-इंच) हथियार से 2 शॉट फायर करता है. पहला शॉट​ मिस होता है, लेकिन दूसरा आबे को लग जाता है. फिर सुरक्षाकर्मी आरोपी को दबोच लेते हैं.


यामागामी के पड़ोसियों ने बताया कि वह बात नहीं करता था
तेत्सुया यामागामी के पड़ोसियों ने बताया कि वह घर में अकेला रहता था और बात करने पर कोई जवाब नहीं देता था. क्योदो समाचार एजेंसी ने खोजी सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि आरोपी का मानना है, शिंजो आबे ने एक धार्मिक समूह को बढ़ावा दिया, जिसे उसकी मां दान देकर दिवालिया हो गईं. क्योडो और अन्य स्यानीय मीडिया के मुताबिक आबे की हत्या करने वाले आरोपी ने पूछताछ में पुलिस से कहा, ‘मेरी मां एक धार्मिक समूह के साथ जुड़ गई थीं और मैंने इसका विरोध किया था.’

नारा पुलिस ने यामागामी के मकसद या तैयारी के बारे में जापानी मीडिया द्वारा बताए गए विवरण पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. मीडिया ने उस धार्मिक समूह का नाम नहीं लिया है, जिससे नाराज आरोपी ने शिंजो आबे की हत्या की. जापानी मीडिया के मुताबिक तेत्सुया यामागामी ऑनलाइन खरीदे गए हिस्सों से बंदूक में कुछ हेरफेर की, हमले की साजिश रचने में महीनों बिताए, यहां तक ​​​​कि वह शिंजो आबे के अन्य कई चुनावी कार्यक्रमों में शामिल हुआ. हत्या से एक दिन पहले, नारा सिटी से लगभग 200 किमी (मील) दूर आयोजित आबे की चुनावी रैली में भी वह पहुंचा था.

आरोपी ने बंदूक से पहले बम से हमले की योजना बनाई थी
जापान के सार्वजनिक प्रसारणकर्ता एनएचके के अनुसार, बंदूक चुनने से पहले उसने बम हमले पर विचार किया था. एनएचके के मुताबिक संदिग्ध ने पुलिस को बताया कि उसने स्टील पाइप को टेप से लपेटकर बंदूकें बनाईं, जिनमें से कुछ में तीन, पांच या छह पाइप थे, जिन्हें उसने ऑनलाइन खरीदा था. पुलिस ने शनिवार को कहा कि घटना स्थल के पास एक इलेक्शन कैम्पेन वैन पर लगे पोस्टर पर गोलियों के छेद पाए गए हैं. पुलिस का मानना है कि ये बुलेट होल्स यामागामी के हथियार से हुए हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि आबे पहली गोली फायर होने पर हमलावर की ओर मुड़कर देखते हैं, फिर दूसरी गोली फायर होने के बाद जमीन पर गिर जाते हैं.

यामागामी छोटे फ्लैटों की एक इमारत की आठवीं मंजिल पर रहता था. उसके ग्राउंड फ्लोर पर ढेर सारे बार हैं. लिफ्ट केवल तीन मंजिलों पर ही रुकती है. यामागामी को अपने फ्लैट में जाने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करना पड़ता होगा. आरोपी की पड़ोसियों में से एक, 69 वर्षीय महिला जो उसके नीचे वाली मंजिल पर रहती है, बताया कि शिंजो आबे की हत्या से 3 दिन पहले उसने यामागामी को देखा था.

महिला ने बताया, ‘मैंने हैलो कहा लेकिन उसने मुझे नजरअंदाज कर दिया. वह बिना मास्क पहने बस नीचे जमीन की तरफ देख रहा था. वह घबराया हुआ लग रहा था. यह ऐसा था जैसे मैं उसके लिए अदृश्य थी. लग रहा था कि कोई चीज उसे परेशान कर रही है.’ महिला अपने फ्लैट के लिए एक महीने में 35,000 येन (260 डॉलर) का किराया देती है और उसका मानना ​​है कि उसके पड़ोसी भी इसी के आसपास भुगतान करते हैं. यामागामी से दो फ्लैट नीचे रहने वाली एक वियतनामी महिला ने कहा, ‘मैंने उसे एक दो बार देखा. मैंने लिफ्ट में उसका अभिवादन भी किया, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा.’

क्या आरोपी ने नौसेना की ट्रेनिंग के दौरान बंदूक बनाना सीखा?
जापानी नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि तेत्सुया यामागामी नाम का एक व्यक्ति 2002 से 2005 तक मैरिटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स में काम कर चुका है. लेकिन यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या वही व्यक्ति शिंजो आबे की हत्या करने वाला संदिग्ध है, जैसा कि स्थानीय मीडिया ने बता रही है. नौसेना प्रवक्ता ने बताया कि यामागामी दक्षिण-पश्चिम के प्रमुख नौसैनिक अड्डे, सासेबो में प्रशिक्षण इकाई में शामिल हुआ था. इसके बाद उसकी नियुक्ति आर्टिलरी में हुई थी. बाद में उसे हिरोशिमा में एक प्रशिक्षण जहाज के लिए नियुक्त किया गया.

जापानी नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया, ‘अपनी सेवा के दौरान, सेल्ड-डिफेंस फोर्स के सदस्य साल में एक बार गोला-बारूद के साथ प्रशिक्षण लेते हैं. वे तोपों व बंदूकों के रखरखाव का काम भी करते हैं. लेकिन जैसा कि वे आदेशों का पालन कर रहे हैं, यह विश्वास करना कठिन है कि वे बंदूकें बनाने में सक्षम होने के लिए पर्याप्त ज्ञान प्राप्त करते हैं. यहां तक कि सेना के जवान जो लंबे समय तक सेवा करते हैं, वे नहीं जानते कि बंदूकें कैसे बनाई जाती हैं.’

रिपोर्ट के मुताबिक नौसेना छोड़ने के कुछ समय बाद, यामागामी ने एक स्टाफिंग कंपनी के साथ पंजीकरण किया और 2020 के अंत में क्योटो में एक कारखाने में एक फोर्कलिफ्ट ऑपरेटर के रूप में काम करना शुरू किया. उसे अप्रैल के मध्य तक कोई समस्या नहीं थी. फिर उसने बिना अनुमति के काम पर आना छोड़ दिया और फिर अपने बॉस से कहा कि वह नौकरी छोड़ना चाहता है. अखबार के मुताबिक, उसने अपनी छुट्टियों का इस्तेमाल किया और 15 मई को नौकरी छोड़ दी थी.

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