- मुख्यमंत्री ने कहा ‘जहां भी गिरे, जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने पर्यावरण (Environment) बचाने के लिए रोजाना एक पौध लगाने की प्रतीज्ञा की है। इसके जरिए वे लोगों के बीच पर्यावरण (Environment) बचाने के लिए जनजागरूकता कर रहे हैं। अब वे बारिश (Rain) का पानी बचाने के लिए भी अभियान (Campaign) शुरू करने जा रहे है। वे खुद बारिश (Rain) की बूंद-बूंद बचाने के लिए लोगों को जागरूक करेंगे। उन्होंने जल शक्ति अभियान (Campaign) कैच द रेन का मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सभी जिलों में प्रभावी ढंग शुरू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा कि हमारे पूर्वज हमारे लिए जल छोड़कर गए, अब हमारी जिम्मेवारी है कि हम आने वाली पीढिय़ों के लिए जल का संरक्षण करें। भारत में वर्षा का अधिकतर जल बह जाता है। हम जितना बारिश (Rain) का पानी बचाएंगे, उतना हमारी भू-जल पर निर्भरता कम होगी। हमें वर्षा जल के संग्रहण के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए।
मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि जल शक्ति अभियान (Campaign) कैच द रेन कार्यक्रम के तहत वर्षा जल संचयन अभियान देश भर में ग्रामीण और शहरी इलाकों में चलाया जाएगा और इसका नारा होगा जहाँ भी गिरे, जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें। चौहान ने कहा कि जल संरचनाओं एवं उसके आस-पास किए गए अतिक्रमणों को हटवाएँ और उसके बाद इनकी मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का कार्य किया जाए। समुदाय को साथ लेकर छोटी नदियों एवं जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिले में उपलब्ध जल स्त्रोतों एवं भूमि के स्वरूप के आधार पर जल संरक्षण की कार्य-योजना बनाकर लागू की जाए। प्रदेश की सभी जल संरचनाओं की जीआईएस मैपिंग की जाए तथा इनकी सूचियाँ जिलेवार तैयार की जाएं।
कैचमेंट एरिया में करें वृक्षारोपण
वृक्षारोपण आदि के माध्यम से कैचमेंट एरिया का ट्रीटमेंट किया जाए। वित्त आयोग से प्राप्त अनुदान को ग्राम पंचायत स्तर पर जल संरक्षण कार्यों में आवश्यकतानुसार उपयोग किया जाए। देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के आयोजनों के साथ जल शक्ति अभियान को भी जोड़ा जाये। जिले के सरकारी भवनों जैसे- आंगनवाड़ी भवन, पंचायत भवन, स्कूल भवन, स्वास्थ्य केन्द्र आदि में रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जाये।
जिला मुख्यालयों पर जल शक्ति केन्द्र
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिला मुख्यालय पर जल शक्ति केन्द्रों की स्थापना की जाए। ये केन्द्र जल संरक्षण एवं संवर्धन के विषय में सूचना, जागरूकता एवं ज्ञान के प्रसारण केन्द्र के रूप में कार्य करेंगे। मनरेगा के अंतर्गत जल संरक्षण के लिए वॉटरशेड विकास के कार्य लिए जाए और सभी ग्राम पंचायतों के लिए जीआईएस आधारित वॉटरशेड डेव्हलपमेंट प्लान बनाया जाए। प्रत्येक ग्राम एवं ग्राम पंचायत स्तर पर जल शपथ ली जाए और जल शक्ति अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये।
पानी की जांच के लिए महिलाओं की ट्रेनिंग
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आजादी के बाद देश में पहली बार सरकार जल परीक्षण पर गंभीरता से काम कर रही है। देश में कोविड महामारी के दौरान 4.5 लाख महिलाओं को जल की जाँच के लिए ट्रेंड किया गया। पानी के जाँच के इस अभियान में गाँव में रहने वाली बहनों-बेटियों को जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में भी इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई हो।