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सुप्रीम कोर्ट से हेमंत सोरेन को झटका, याचिका पर सुनवाई से इनकार; कहा- हाईकोर्ट जाएं

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की याचिका पर सुनवाई से शुक्रवार को इनकार (denied) कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन से पूछा कि आप हाईकोर्ट (High Court) क्यों नहीं जाते? सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) ने कहा कि यह मामला एक मुख्यमंत्री से संबंधित है, जिसे गिरफ्तार किया गया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतें सभी के लिए खुली हैं और उच्च न्यायालय संवैधानिक अदालतें हैं। आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए।

याचिका में क्या कहा गया?

  • हेमंत सोरेन ने अपनी याचिका में ईडी पर लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार की सुनियोजित साजिश के तहत उन्हें गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट्स की मानेंतो सोरेन ने याचिका में शीर्ष अदालत से ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को अनुचित, मनमाना और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार देने का अनुरोध किया है।
  • याचिका में कहा गया है कि ईडी अधिकारियों ने केंद्र सरकार के निर्देश पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है, क्योंकि याचिकाकर्ता हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम विपक्षी गठबंधन इंडिया का सक्रिय घटक है। सोरेन की गिरफ्तारी सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर यह कार्रवाई की गई है।
  • 48 वर्षीय सोरेन ने कहा कि उन्होंने ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए 31 जनवरी को शीर्ष अदालत के समक्ष याचिका दायर की थी। अनुरोध किया गया था कि ईडी को सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने तक इंतजार करना चाहिए। इसके बावजूद ईडी ने उन्हें अवैध तरीके से हिरासत में ले लिया।
  • उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के इशारे पर ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य उनकी चुनी हुई सरकार को गिराना था, जबकि उनके पास पर्याप्त बहुमम है।

सात घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था
इससे पहले ईडी ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सात घंटे की पूछताछ के बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले सोरेन को ईडी की हिरासत में राज्यपाल से मिलकर सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

ईडी का दावा- रांची में सोरेन के पास 8.5 एकड़ भूखंड
इस बीच ईडी ने विशेष अदालत को बताया कि सोरेन के पास रांची में एक दूसरे से सटे 12 भूखंड हैं जिनका माप कुल 8.5 एकड़ है। इन पर सोरेन का अवैध कब्जा है और वह उनका उपयोग करते हैं और उन्होंने यह जानकारी छिपा कर भी रखी थी। एजेंसी ने कहा कि ये भूखंड मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराध की आय है।

राज्य सरकार के कर्मचारी और राजस्व विभाग में सब इंस्पेक्टर भानू प्रताप प्रसाद के खिलाफ राज्य के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी में संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। इससे पता चला कि प्रसाद अन्य लोगों के साथ मिलकर संपत्तियों को अवैध रूप से हासिल करने की साजिश में शामिल था, इसमें हेमंत सोरेन द्वारा हासिल की गई संपत्तियां भी शामिल हैं। प्रसाद के मोबाइल फोन में भी इसके विवरण मिले थे।

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