उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

कागज का छोटा टुकड़ा केप्टन गोगो युवाओं को बना रहा नशे का गुलाम

  • गोगो रोलिंग पेपर खाली सिगरेट के रुप में बाजार में आया है-स्कूली बच्चे भी हो रहे हैं शिकार
  • उज्जैन के कई स्थानों पर मिल रहा है खुलेआम
  • कार्रवाई के लिए क्राइम ब्रांच की टीम गठित

उज्जैन। शहर की कई पान की दुकानों व ठेलों पर इन दिनों एक पेपर रोल की मांग बेहद बढ़ गई है। दरअसल नशे के उपयोग में आने वाला यह पेपर रोल 3 से 4 रुपए में आता है लेकिन इसे 20 से 25 रुपए में नशे के उपयोग के लिए बेचा जा जा रहा है। उज्जैन के पुलिस अधिकारियों को जब इस पूरे नशे के कारोबार के बारे में पता चला तो अब कार्रवाई के लिए टीम गठित की गई है।



उज्जैन एक धार्मिक शहर है लेकिन यहाँ भी पाश्चात्य संस्कृति अब धीरे-धीरे पनपने लगी है। शहर के दूर इलाकों में बनी होटलों में नशे की कई पार्टियाँ आयोजित की जाती है जिसमें हर तरह का नशा परोसा जाता है। नशे से चूर इन पार्टियों में युवक और युवतियाँ बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने लगे हैं। नशे के शौकीन युवाओं के लिए इन दिनों एक पेपर की मांग भारी तादाद में हो गई है। उज्जैन की कई पान एवं अन्य दुकान पर यह पेपर खुलेआम बेचा जा रहा है। उज्जैन पुलिस के अधिकारियों को भी इस नशे के उपयोग में होने वाले पेपर की सूचना मिली है और पुलिस ने कार्रवाई के लिए टीम गठित की है जो छापेमारी करने वाली है। दरअसल बाजार में मिलने वाला एक गोगो नाम का रोलिंग पेपर है जिसे नशे का उपयोग करने वालों ने कैप्टन गोगो यह नाम दे रखा है। आम लोगों के लिए भले ही यह नया हो, लेकिन नशेड़ी लोग इससे भलीभांति परिचित हैं। यह एक प्रकार की खाली सिगरेट (कागज) है। चरस, गांजा, और अन्य घातक नशा लेने के लिए नशेड़ी इसका उपयोग करते हैं। इसे पान ठेलों में 20 से 25 रुपए में बेचा जा रहा है। सिगरेट के कागज और फिल्टर की जुगाड़ वाले कैप्टन गोगो के जरिए खाली कागज की सिगरेट में नशे की सामग्री मिलाकर जलाकर अथवा सूंघकर लिए जाने वाले नशे का चलन आम होता जा रहा है। इसकी गिरफ्त में सबसे ज्यादा युवा हैं। चिंता की बात यह है एक साधारण कागज की तरह दिखने वाले पेपर को युवाओं के पास देखकर कई बार अपने भी इसे साधारण पेपर समझ कर अनदेखा कर दे रहे हैं। नशे के आदी लोग सिगरेट लेकर उसकी तंबाकू निकालकर उसमें अन्य तरह के नशीले पदार्थ मिलाकर सेवन कर रहे थे लेकिन दो-ढाई साल पहले एक वेबसाइट पर गोगो, ओबीसी और वर्जिन पेपर नाम से कागज की बिक्री शुरू हुई। दिखने में आम महीन कागज को असल में खाली सिगरेट के विकल्प के तौर पर बाजार में उतारा गया था। अब इस कागज को गांजा, चरस और अन्य घातक नशे को धुंआ बनकर मुंह या नाक से खींचने के लिए उपयोग में लिया जाता है। इस कागज को बेचकर दुकानदार मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। महज 3 से 4 रुपए में मिल रहे इस कागज को 20 से 25 रुपये में बेचा जाता है। नए शगल और आकर्षण की वजह से युवा इसकी गिरफ्त में हैं। यह सिर्फ कागज होता है न तंबाकू न नशे की अन्य सामग्री इसलिए इसका कारोबार करने वाले किसी तरह के कानून से खुद को मुक्त मान रहे हैं। इंदौर पुलिस ने इस कागज के व्यापार को बंद करने के लिए कई बार छापेमारी कर कार्रवाई की है और भारी मात्रा में यह कागज भी जप्त किया है।

नशे के आदी युवा इस प्रकार से लाते हैं इसे उपयोग में
सफेद, भूरे या अन्य रंग के महीन कागज के अंदरूनी सिरे पर गोंद की परत रहती है जो इस हिस्से को लेमिनेशन जैसा कर देती है। साथ में एक मोटे कागज का टुकड़ा दिया जाता है। पतले कागज को रोल कर नीचे मोटा कागज जोड़ दिया जाता है। इसमें पहले से मौजूद गोंद की वजह से दोनों हिस्से चिपक जाते हैं। नीचे वाला मोटा कागज फिल्टर और धुआं खींचने के नोजल की तरह काम करता है, जबकि ऊपर का हिस्सा खाली सिगरेट की तरह रहता है।

कार्रवाई के लिए उज्जैन पुलिस ने बनाई टीम
नशे के उपयोग में आने वाले इस गोगा रोलिंग कागज की बिक्री उज्जैन में हो रही है। इस संबंध में पुलिस अधिकारियों को भी सूचना मिली है। इस पूरे गंभीर मामले पर उज्जैन एडिशनल एसपी गुरु प्रसाद पाराशर ने अग्रिबाण को बताया कि इस तरह का कागज नशे के लिए उपयोग में किया जा रहा है जो कुछ दुकानों पर मिल रहा है। इस मामले में क्राइम ब्रांच की एक टीम गठित की गई है जो शीघ्र ही छापे मार कार्रवाई कर इस नशे के कारोबार को बंद करेगी। पुलिस ने आम लोगों से भी अपील की है कि इस तरह के नशे की सामग्री बिकते हुए कहीं पता चले तो पुलिस को सूचना अवश्य दें।

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