उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

80 फीसदी यात्री बसें चलना शुरु लेकिन लोग कम

  • उज्जैन से लग्झरी बसों की बुकिंग पहले की तरह होने लगी-शनिवार और रविवार को नहीं मिल रही सवारियाँ

उज्जैन। कोरोना काल के करीब 15 महीनों बाद उज्जैन से अब करीब 80 फीसदी यात्री बसें चलना शुरु हो गई है। इसके अलावा लग्झरी बसों की बुकिंग भी पहले की तरह सामान्य होने लगी है। हालांकि रूटों पर अभी भी सवारियाँ कम मिल रही है। शनिवार और रविवार को सवारियाँ नहीं मिलने के कारण करीब 20 फीसदी बसें ही चल रही है।
कोरोना की पहली तथा उसके बाद आई दूसरी लहर का सबसे ज्यादा असर आवागमन के साधनों पर पड़ा है। पहली लहर में तो करीब 6 से 8 महीने तक उज्जैन जिले से चलने वाली 500 से ज्यादा निजी यात्री बसें महीनों खड़ी रही थी। दूसरी लहर के बाद भी यही स्थिति हो गई थी। हालांकि जून से अनलॉक शुरु हो गया था और धीरे-धीरे बस मालिकों ने सड़कों पर बसें चलाना शुरु कर दिया था। शुरुआत में 30 से 40 फीसदी बसें ही चल रही थी लेकिन अब यहीं आंकड़ा जिले में बढ़कर 80 प्रतिशत तक पहुँच गया है। छच्छू एंड छच्छू टूर एंड ट्रेवल्स के संचालक दिलीपसिंह चौहान ने बताया कि लंबे समय बाद अब लक्झरी बसों की बुकिंग अब पहले की तरह होने लगी है। उज्जैन से ही एमपी के अलावा राजस्थान, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व अन्य राज्यों के लिए लोग बुकिंग करा रहे हैं। हालंाकि अभी महाराष्ट्र और केरल की बुकिंग कम हो रही है।


वीकेंड में नहीं मिल रही सवारियां
आनंदेश्वरी बस सर्विस के ऑपरेटर राजू भाई ने बताया कि भले ही अभी करीब 80 फीसदी बसों का संचालन शुरू कर दिया गया है, लेकिन आंचलिक हो या लंबे सभी रूटों पर सवारियां कम मिल रही है। शनिवार और रविवार को वीकेंड के दो दिनों में बिल्कुल सवारियां नहीं मिल रही। यहीं कारण है कि अभी जो सोमवार से शुक्रवार तक 80 फीसदी बसें चलती है वहीं शनिवार और रविवार को यह आंकड़ा 20 प्रतिशत ही रह जाता है। लोग अभी भी कोरोना के डर से निजी वाहनों से यात्रा करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

डीजल महंगा, सड़के खराब
उन्होंने बताया कि बस ऑपरेटर लंबे समय से शासन से डीजल की कीमत बढऩे के कारण हो रहे घाटे को पाटने के लिए बस किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। डीजल 100 रूपये पार जा चुका है। यात्री से 15-20 रूपये ज्यादा किराया मांगो तो विवाद की स्थिति बनती है। इन परिस्थितियों के बावजूद जैसे-तैसे घाटे में बसें चलाना पड़ रही है। शासन दूसरी लहर के बाद टैक्स माफ भी नहीं कर रहा है। इधर आगर रोड की हालत इतनी खराब है कि मार्ग पर रोजाना बसों के टॉयर फू ट रहे हैं और नुकसान हो रहा है।

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