भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

किसी को जीत की खुशी, किसी को हार का गम…और हो गई आंखे नम

  • चुनाव परिणाम सुनते ही भावुक हुए प्रत्याशी, साथियों से मिले गले, दिवाली सी आतिशबाजी हुर्ह, होली की तरह उड़ाए रंग

भोपाल। राजधानी में नगर सरकार के लिए मतगणना रविवार सुबह से जारी हो गई थी। प्रत्याशियों के लिए जीत और हार की तस्वीरें दोपहर से ही साफ होने लगी थीं। इस दौरान खास बात यह थी कि किसी की जीत तो किसी की हार के बाद आंखे नम दिखीं। वहीं जीते हुए प्रत्याशियों के समर्थकों ने दिवाली सी आतिबाजी की और होली की तरह रंग और गुलाल उड़ाए। इधर, अधिकांश वाडऱ्ों की मतगणना शांति के साथ संपन्न हुई। कुछ वार्डों की मतगणना के दौरान प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच तीखी नोक झोंक देखने को मिली।
जानकारी के अनुसार वार्ड 22 कांग्रेस के प्रत्याशी असद हार के बाद नम आखों के साथ मतगणना स्थल से बाहर निकले। एक अन्य महिला पार्षद प्रत्याशी के पिता से बातचीत करते हुए उन्होंने साफ कहा कि पार्टी का मुझे कोई खास लाभ नहीं मिला। इतने ही वोट तो मैं निर्दलीय हासिल किया करता था। वहीं वार्ड 42 से कांग्रेस के प्रत्याशी अजीज उद्दीन भी बड़ी जीत के बाद भावुक हो उठे। उन्होंने दोस्तों और साथियों को गले मिलकर जीत की बधाई दी। अजीज उद्दीन बीजेपी सहित आठ निर्दलीय प्रत्याशियों से तन्हा लड़े। खास बात यह थी कि सभी निर्दलीय कांग्रेस के बागी थे। बावजूद इसके अजीज ने स्वयं को साबित किया। स्वास्थ्य खराब होने के बाद वह बिना थके और रुके चुनावी मैदान में डंटे रहे। वार्ड 35 से कांग्रेस के टिकट पर प्रत्याशी रहीं युवा नेत्री शीरीन खान ने पहली ही बार में बड़ी जीत हासिल की है। हालांकि उनके पिता अनवर उर्फ मीटर पूर्व में इसी वार्ड से पार्षद रहे हैं। शीरीन जीतने के साथ ही भावुक हो पड़ी और माता पिता का आर्शिवाद लेते हुए उनकी आंखे छलक पड़ीं। इधर, वार्ड 22 से निर्दलीय उम्मीदवार समर हुजूर जीत के बाद भी बेहद संजीदा नजर आए। उन्होंने बिना किसी शोर शराबे के दोस्तों और बड़ों से गले मिलकर बधाई दी। वार्ड की जनता को बड़ी जीत दिलाने के लिए आभार व्यक्ति किया।


दिन भर चली शय और मात, फिर मिली राहत

  • …और छलक पड़ी आंखे
    वार्ड नंबर 15 से कांग्रेस की उम्मीदवार दिप्ती जैन परिणाम सुनते ही भावुक हो गईं। उनकी आंखे छलक पड़ीं। इधर, इसी वार्ड से बीजेपी के उम्मीदवार शैलेश साहू ने भारी मतों से जीत हासिल की है। जीत का सार्टिफिकेट मिलते ही शैलेश के टीला जमालपुरा स्थित मुख्य कार्यालय पर जश्न का महौल रहा। आदिशबाजी के साथ डीजे की धुन पर उनके समर्थक झूमते दिखाई दिए। शैलेश ने जीत के लिए 15 दिन लगातार डोर टू डोर जनसंपर्क किया। जबकि दिप्ती के प्रचार प्रसार मेें कमी रही। बड़े नेताओं ने भी उनके वार्ड में खास महनत नहीं की।
  • कांग्रेस के गढ़ में लगाई सेंध
    वार्ड 13 से भाजपा के मनोज राठौर ने मनोज मालवीय को पटखनी दी है। मनोज राठौर बीजेपी से पूर्व मेयर रहे आलोक शर्मा के खास माने जाते हैं। आलोक शर्मा ने उनकी जीत के लिए दिल जान से महनत की। मनोज राठौर ने भी कमरा बैठकों,जनसंपर्क,रेलियां और डोर टू डोर प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। मनोज मालवीय के सामने-मनोज राठौर को जानकार कमजोर मान रहे थे। यही वजह थी की मालवीय कुछ अति उत्साह में चुनाव लड़ते दिखाई दे रहे थे। वह अपने स्कूल के दफ्तर से बाहर नहीं निकले। रेलियों,डोर टू डोर प्रचार और जनसंपर्क में कमी रखी। अंदर खाने की माने तो उनके करीबियों ने भी पीछे से उनके साथ दगा की और मालवीय को हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि मालवीय एक बार स्वयं पार्षद रहे जबकि पिछले कार्यकाल में उनकी पत्नी इसी वार्ड से पार्षद रही हैं।
  • झाड़ू ने इनका करा दिया सफाया
    वार्ड नंबर 12 से बीजेपी के देवेंद्र शर्मा ने जीत हासिल की है। इनकी जीत की राह को आप पार्टी के पार्षद प्रत्याशी समीर ने आसान किया है। कांग्रेस के सुधीर गुप्ता इस वार्ड में देवेंद्र के सामने थे। सुधीर यहां से पूर्व में एक बार पार्षद रह चुके हैं। समीर ने करीब एक हजार वोट काटकर बीजेपी के सिर जीत का सहरा बंधवा दिया है।
  • इनके लिए जिला अध्यक्ष रहे मैदान में
    वार्ड नंबर सात से कांगे्रस के टिकट पर जीत दर्ज करने वाली प्रियंका मिश्रा कांग्रेस जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा की बहू हैं। इसी के साथ भाजपा के पूर्व विधायक गट्टू शर्मा की वह बेटी हैं। राजनेतिक घराने से ताल्लुक रखने वाली प्रियंका के लिए कैलाश मिश्रा और गुट्टू शर्मा स्वयं मैदान में थे। यही कारण है कि प्रियंका ने बीजेपी की संध्या जैन को आसानी से मात दी।
  • महिलाओं की महनत रंग लाई
    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मरहूम मोहम्मद सलीम की बहन रेहाना सुल्तान ने वार्ड आठ से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की है। वह और उनकी भाभी ने वार्ड आठ से स्वयं मोर्चा संभाला हुआ था। बिना किसी बड़े नेता के इन्होंने डोर टू डोर प्रचार किया। जनता का पूर्ण समर्थन इनकी रेलियों और जनसंपर्क में शुरुआत से ही देखने को मिल रहा था। इनके चुनाव के मैनेजमेंट का जिम्मा कांग्रेस नेता और इनके छोटे भाई मोहम्मद जहीर के हाथ था। जहीर की इस वार्ड में घर घर पैंठ है। जहीर की पत्नी ने भी ननद के लिए रात दिन कंधे से कंधा मिलाकर प्रचार किया है। यही कारण है कि भाजपा की प्रिती रायकवार उनके सामने कहीं नहीं ठहरीं।
  • पति की पैंठ ने दिखाया रंग
    वार्ड नंबर 14 से कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज करने वाली शिबा मसूद अली के पति मसूद काजीकेंप के बड़े व्यापारी हैं। उनके देवर का वाटर सप्लाई का पूर्व से ही काम है, एक शादी हॉल होने के साथ मसूद कई होटलों के मालिक हैं। इसी के साथ विधायक आरिफ अकील के भी बेहद करीबी हैं। यही कारण है कि व्यापारी और पुराने नेता होने के कारण मसूद वार्ड के हर वर्ग के व्यक्ति से सीधा जुड़ाव रखते हैं। उन्हीं की महनत ने पत्नी शीबा को जीत दिलाई है। उनका सीधा मुकाबला बीजेपी की फराह तारीक से था।
  • थाल में सजकर मिली जीत
    वार्ड 16 से कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद सरवर को जीत एक मायने में थाल में सजाकर दी गई है। मुस्लिम बाहुल क्षेत्र आरिफ नगर से इन्हें चुनाव लड़ाया गया था। विधायक आरिफ अकील के इस क्षेत्र में कभी किसी भी अन्य पार्टी के प्रत्याशी का खाता तक नहीं खुला है। सरवर के सामने तौफीक अहमद को लड़ाया गया था। तौफीक पूर्व में बीजेपी के टिकट पर हार का सामना कर चुके हैं।
  • पति की छवि का मिला लाभ
    वार्ड 17 कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज कराने वाली शीतल वर्मा को पति की छवि का पूरा लाभ मिला। उनके पति रवि वर्मा पिछले कार्यकाल में कांग्रेस के टिकट पर इसी वार्ड से पार्षद रहे। पेशे से स्कूल संचालक रवि की छवि साफ और निर्विवाद पार्षद की रही है। यही कारण रहा कि शीतल के रूप में जनता ने रवि को सेवा का एक और मौका दिया है। उनके सामने लता राजेश चौहान भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी और हार का सामना किया। लता के पति राजेश चौहान उर्फ गोविंदा इलाके में लंबे समय से बीजेपी के कार्यकर्ता हैं।
  • इन्होंने भी लहराया जीत का परचम
    इसी प्रकार वार्ड 9 से नाहिद खान बिन खालिद कांग्रेस,वार्ड 10 से सरोज आसटे बीजेपी,वार्ड 11 से निर्दलीय पिंकी मकोरिया,वार्ड 18 से राजू कुशवाह ने जीत का परचम लहराया है। सभी ने जनता के भरोसे पर खरा उतरने और वार्ड के विकास के लिए प्राथमिकता के साथ काम करने की बात कही है।
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