इंदौर। अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में पिछले कुछ सालों में अपनी खास पहचान बना चुका श्रीलंका मध्यप्रदेश के पर्यटकों को आकर्षित करना चाहता है। इसके लिए श्रीलंका टूरिज्म प्रमोशन ब्यूरो (एसएलटीपीबी) द्वारा पहली बार ट्रेवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (टाफी) के एमपी चेप्टर के ट्रेवल एजेंट्स को श्रीलंका बुलाया और वहां की खास जगहों पर घुमाया, ताकि वे पर्यटकों को इसकी बेहतर जानकारी दे सकें।
खास बात यह है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी देश के टूरिज्म डिपार्टमेंट या टूरिज्म प्रमोशन ब्यूरो द्वारा किसी अन्य देश के किसी प्रदेश के संगठन को इस तरह से आमंत्रित किया हो। आमतौर पर ऐसे मामलों में राष्ट्रीय संगठन को भी बुलाया जाता है। इस टूर में टाफी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल कलसी सहित मध्यप्रदेश के 17 ट्रेवल एजेंट्स शामिल थे। इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय यात्रियों के लिए श्रीलंका को एक प्रमुख आउटबाउंड गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना और रामायण ट्रेल पर विशेष जोर देते हुए पर्यटन की संभावनाओं को पेश करना था। इस यात्रा के दौरान एजेंट्स ने श्रीलंका के अधिकारियों को भारतीय पर्यटन स्थलों की भी जानकारी देते हुए दोनों देशों के बीच समान पर्यटन संभावना बढ़ाने पर जोर दिया।
रामायण से जुड़े स्थानों को लेकर बढ़ रहा उत्साह
टाफी के प्रदेश सचिव अमोल कटारिया ने बताया कि यह यात्रा विशेष रूप से भारतीय ट्रेवल एजेंटों को रामायण ट्रेल का प्रत्यक्ष अनुभव देने के लिए आयोजित की गई थी। पिछले कुछ समय से पर्यटक रामायण से जुड़े स्थानों पर जाने को लेकर काफी उत्साहित हैं। ऐसे में अगर एजेंट्स ऐसे स्थानों पर जाकर अनुभव लेते हैं तो उनके लिए पर्यटकों को यात्रा की जानकारी देना और टूर तैयार करना आसान हो जाता है। इस यात्रा में रामायणकाल से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थानों पर ले जाया गया, जिनमें सिगिरिया, रामबोडा और नुवारा एलिया जैसे प्रमुख स्थल शामिल थे, जो पौराणिक कथाओं और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं। यात्रा कार्यक्रम में बेंटोटा और कोलंबो की यात्राएं भी शामिल थीं।
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