ब्याज से होने वाली कमाई में 12 फीसदी का इजाफा हुआ
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। पहली तिमाही के मुकाबले बैंक के प्रॉफिट में करीब 2600 करोड़ रुपए की कमी आई है। बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में बैंक को 8 फीसदी का फायदा हुआ है। ब्याज से होने वाली कमाई में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। पहली तिमाही में एसबीआई का प्रॉफिट 17000 करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया था. लेकिन इस बार एसबीआई ने काफी निराश किया है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर एसबीआई के तिमाही के आंकड़े क्या बयां कर रहे हैं।
बैंक को बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में नेट प्रॉफिट में 8 फीसदी का इजाफा हुआ है और आंकड़ा 14,330 करोड़ रुपए पर पहुंच गया. जबकि जून तिमाही में प्रॉफिट 16884 करोड़ रुपए था। इसका मतलब है कि इस बार करीब 2600 करोड़ रुपए मुनाफा कम हुआ है। मिलने वाले ब्याज और खर्च होने वाले ब्याज के बीच का अंतर 12 फीसदी बढक़र 39,500 करोड़ रुपए हो गया है। दूसरी ओर सितंबर तिमाही में बैंक का रेवेन्यू बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 26.4 फीसदी बढक़र 1.12 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
-ग्रॉस एनपीए रेश्यो 2.55 फीसदी रहा
प्रोविजंस और कंटीजेंसीस में बड़ी गिरावट आई है और कम होकर 115.28 करोड़ रुपए हो गया, जो एक साल पहले 3,039 करोड़ रुपए था। बैड असेट्स प्रोविजंस भी 2011 करोड़ रुपए से कम होकर 1,815 करोड़ रुपए हो गया। सितंबर के अंत तक ग्रॉस एनपीए रेश्यो 2.55 फीसदी रहा, जो एक साल पहले 3.52 फीसदी और पहली तिमाही में 2.76 फीसदी था। सितंबर एंड में नेट एनपीए असेट्स रेश्यो 0.64 फीसदी था, जो एक साल पहले 0.80 फीसदी और पहली तिमाही में 0.71 फीसदी था।
-लोन में हुआ इजाफा
एसबीआई ने बताया कि कि दूसरी तिमाही में क्रेडिट कॉस्ट सालाना आधार पर 6 आधार अंक बढक़र 0.22 फीसदी हो गई। तिमाही में डॉमेस्टिक नेट इंट्रस्ट मार्जिन सालाना 0.12 फीसदी घटकर 3.43 फीसदी हो गया। हालांकि, सितंबर में समाप्त छह महीनों के लिए मार्जिन सालाना आधार पर 0.06 फीसदी बढक़र 3.45 फीसदी हो गया। सितंबर तिमाही में लोन में सालाना आधार पर 12.39 फीसदी इजाफा हुआ है और एडवांस में 13.2 फीसदी की वृद्धि हुई। डॉमेस्टिक एडवांस में इजाफा एसएमई लोन द्वारा 23 फीसदी की दर से हुआ, इसके बाद रिटेल पर्सनल लोन में 16 फीसदी की वृद्धि हुई।
-बैंक डिपॉजिट में सालाना 12 फीसदी ग्रोथ
एग्री और कॉर्पोरेट लोन में क्रमश: 15 फीसदी और 7 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। बैंक डिपॉजिट में सालाना 12 फीसदी का ग्रोथ हुआ है। जिसमें से कैश डिपॉजिट में सालाना 5 फीसदी की वृद्धि हुई है। सितंबर के अंत तक कैश रेश्यो 41.88 फीसदी था।