इंदौर न्यूज़ (Indore News)

सौर ऊर्जा में प्रदेश की नई पहचान, सांची बनेगी देश की पहली सोलर सिटी

  • सूरज की किरणों से मालवा की धरती पर बिखरेगी रोशनी,सुसनेर सिंगोली बड़ोदिया मे बनेंगे सोलर पार्क
  • इसी वर्ष 1400 मैगावाट क्षमता से अतिरिक्त बिजली आपूर्ति

इंदौर (कमलेश्वर सिंह सिसोदिया)। सौर ऊर्जा को शासन बहुत ही गंभीरता, सजगता और संवेदनशीलता के साथ प्रोत्साहित कर रहा है। एक ओर जहां प्रदेश में सोलह हजार से ज्यादा घरों, दुकानों, दफ्तरों, परिसरों पर सोलर पैनल्स लगाकर प्रतिदिन लाखों यूनिट बिजली तैयार की जा रही है, वहीं मालवा के सिंगोली, सुसनेर, मोमन बड़ोदिया (Singoli, Susner, Moman Barodia) आदि स्थानों पर सोलर पार्क की तेजी से स्थापना की जा रही है। इन तीनों क्षेत्रों से इसी वर्ष दीपावली के पूर्व बिजली मिलने लगेगी।


ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे (Sanjay Dubey, Principal Secretary, Energy Department) ने बताया कि विदिशा जिले के सांची को भारत की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। सोलर सिटी का कार्य अप्रैल अंत तक पूरा हो जाएगा। इसी के साथ नीमच जिले के सिंगोली के पास बड़ावदा, कवई, बड़ी में कुल 500 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। इसी तरह आगर जिले के सुसनेर क्षेत्र के उमरिया और पिपल्या कुमार में 350 मेगावाट- 200 मेगावाट कुल  550 मेगावाट के सोलर पार्क स्थापित हो रहे है। शाजापुर जिले के मोमन बड़ोदिया क्षेत्र में 220 मेगावाट और 105 मेगावाट की दो इकाइयां कुल 325 मेगावाट के सोलर पार्क का कार्य तेजी से हो रहा है। दुबे ने बताया कि तीनों ही जिलों के सोलर पार्क से उच्च स्तर के ग्रिडों में बिजली का प्रवाह सितंबर- अक्टूबर यानि इसी वर्ष दीपावली से पहले होने लगेगा। उन्होंने बताया कि तीनों जिलों के सोलर पार्क के अलावा सोलर सिटी के बारे में प्रतिमाह समीक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के बैकवाटर पर फ्लोटिंग सोलर पार्क तैयार किया जा रहा है। यह फ्लोटिंग सोलर पार्क विश्व में सबसे बड़ा होगा, इस पार्क से नर्मदा के जल का वाष्पीकरण भी उस सतह पर 70 प्रतिशत तक रूकेगा और किसानों को पहले की तुलना में ज्यादा जल मिलेगा। वाष्पीकरण से रूकने वाले जल से करीब एक लाख एकड़ भू-भाग पर सिंचाई हो सकती है। इसी के साथ जल के उपर तैरती पैनल्स से प्रदेश रोशन होगा। पहले चरण में औंकारेश्वर के पास बैक वाटर पर 600 मैगावाट क्षमता की पैनल्स लगेगी। बैंक वाटर से लकड़ी के ठूठ हटाने और अन्य कार्य किए जा रहे है, साथ ही हजारों सोलर पैनल्स का निर्माण कार्य चल रहा हैं।

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