भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

Lady forest officer के तबादले पर Satpura और Ballabh भवन में ठनी

  • एपीसीसीएफ ने उठाए सवाल, ऐसे तो माफिया के हौंसले बुलंद होंगे

भोपाल। प्रदेश में अवैध उत्खनन (Illegal Mining) के लिए देश भर में बदनाम मुरैना से राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य देवरी मुरैना (National Chambal Sanctuary Deori Morena) की अधीक्षक (SDO) श्रद्धा पंढरे (Shraddha Pandre) के तबादले के बाद सतपुड़ा भवन (Satpura Bhawan) स्थित वन मुख्यालय और बल्लभ भवन मंत्रालय (Ballabh Bhavan Ministry) में ठन गई है। महिला अफसर के तबादले को लेकर एपीसीसीएफ शशि मलिक (APCCF Shashi Malik) ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक रमेश गुप्ता को पत्र भी लिख दिया है। पत्र में कहा कि अच्छे काम की सजा तबादला है तो इससे माफिया के हौसले बुलंद होंगे। खबर है कि लगे हाथ PCCF ने मौखिक रूप से महिला अफसर के तबादले को लेकर मंत्रालय के सामने आपत्ति दर्ज करा दी है। हालांकि आला अधिकारी इस मामले में बोलने से बच रहे हैं।
चंबल में माफिया के खिलाफ मुहिम चलाने के कारण राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य देवरी मुरैना की अधीक्षक (एसडीओ) श्रद्धा पंढरे तीन महीने से सुर्खियों में हैं। माफिया के खिलाफ उन्होंने तीन महीने में इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है जेा अभी तक पिछले कई सालों में नहीं हुई हैं। महिला अफसर की कार्यप्रणाली से क्षेत्र की जनता भी समर्थन में थी। तबादले के बाद वन मुख्यालय खुलकर समर्थन में उतर आया है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एपीसीसीएफ) शशि मलिक ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) को लिखे पत्र में कहा कि अच्छे काम करने वालों का इस तरह तबादला करना व्यथित करने वाला है। इससे रेत माफिया के हौसले बुलंद होंगे। एपीसीसीएफ के पत्र के बाद अब वन विभाग में बहस छिड़ गई है कि चंबल वृत्त से सभी डीएफओ, एसडीओ एवं रेंजर स्तर के अधिकारियों का तबादला किया जाए। क्योंकि ग्वालियर वृत के दतिया, भिंड, ग्वालियर, मुरैना और श्योपुर में भी अवैध उत्खनन हो रहा है। जिस पर रोक नहीं लग पा रही है।

इनाम की जगह तबादला
एपीसीसीएफ ने पत्र में लिखा कि रेत माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर वन विभाग ने अपनी मजबूत पकड़ बना ली थी। ऐसे में श्रद्धा पंढरे का इस तरह से तबादला करने का प्रतिकूल संदेश जाएगा, जो किसी भी प्रकार से उचित नहीं कहा जा सकता है। यदि अच्छा कार्य करने के बदले में इनाम के तौर पर दंडात्मक तरीके से किसी का तबादला होता है, तो इससे रेत माफिया के हौसले बुलंद होंगे। विभाग में वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण की जिम्मेदारी संभालने वालों को अपने काम में मुश्किल आएगी। इससे उनका मनोबल भी गिरेगा।

एसपी, कलेक्टर, डीएफओ पर उठाए सवाल
तबादले के बाद एसडीओ श्रद्धा पंढरे ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मुझे मेरे ही विभाग, पुलिस व प्रशासन का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। टास्क फोर्स की बैठक में डीएफओ अमित कुमार निकम ने कहा कि विभागों में किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है, सभी टीम भावना के साथ काम करते हैं। मुरैना कलेक्टर बी कार्तिकेयन और एसपी ललित शाक्यवार का फोकस अवैध रोकने पर कम ट्रैक्टरों से म्युजिक सिस्टम हटाने पर ज्यादा है। टास्क फार्स की बैठक में अफसरों ने इस पर ज्यादा फोकस किया। जबकि एसडीओ पुढेर ने डीएफओ, कलेक्टर और एसपी की टीम पर अवैध उत्खनन रोकने में सहयोग नहीं करने के आरोप लगाए हैं।

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