दहशत में आईएएस
मप्र के 2 रिटायर और 4 मौजूदा वरिष्ठ आईएएस आजकल दहशत की जिंदगी जी रहे हैं। कब ईडी की टीम इनके घर धमक जाए या ईडी का नोटिस इनके घर पहुंच जाए इसकी आशंका में इन्हें नींद नहीं आ रही। प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव गोपाल रेड्डी से ईडी ने पूछताछ की है। भोपाल पहुंचीं खबरों के अनुसार रेड्डी ने ईडी को कुछ ऐसी जानकारियां दी हैं जिससे प्रदेश के आईएएस घबराए हुए हैं। जिन 4 मौजूदा आईएएस अधिकारियों की सांसें फूली हुई हैं, उनमें अधिकांश जल संसाधन, पीएचई, पीडब्ल्यूडी,नर्मदा घाटी जैसे विभागों के प्रमुख रह चुके हैं। अधिकारी जानते हैं कि एक बार प्रकरण ईडी के हाथ पहुंच गया है तो लंबे समय तक खतरा उनके सिर पर बना रह सकता है।
मोहंती का बंगला इकबाल को
पूर्व मुख्य सचिव सुधी रंजन मोहंती के शानदार बंगले में अब मौजूदा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस रहेंगे। भोपाल के चार इमली में यह बंगला सबसे अच्छा माना जाता है। इकबाल सिंह बैस फिलहाल 74 बंगला में रह रहे हैं। सरकार ने उन्हें मोहंती वाला बंगला आवंटित तो कर दिया लेकिन अभी तक मोहंती ने बंगला छोड़ा नहीं है। अब खबर आ रही है कि मोहंती को बंगला खाली करने के संकेत होते ही उन्होंने अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है। मोहंती का निजी घर अभी तैयार नहीं है, इसलिए फिलहाल उन्होंने जेल पहाड़ी पर किराया का घर लिया है। जबकि इकबाल सिंह बैस अगले माह नए बंगले में प्रवेश कर सकते हैं।
जुनियर मलैया ने ठोकी ताल
अब दमोह विधानसभा उपचुनाव की हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में आए राहुल लोधी का भाजपा उम्मीदवार बनना लगभग तय माना जा रहा है। बीते विधानसभा चुनाव में लोधी ने भाजपा के दिग्गज नेता जयंत मलैया को हराया था। उपचुनाव में भाजपा के अधिकांश कार्यकर्ता जयंत मलैया को टिकट देने की मांग कर रहे हैं, जबकि भाजपा ने राहुल लोधी से टिकट का वायदा किया है। इस बीच जुनियर मलैया यानि जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने टिकट का दावा ठोक दिया है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वयं के लिए टिकट की मांग की है। इधर खबर है कि टिकट राहुल लोधी को मिलना तय है। यह संभव है कि चुनाव से पहले जयंत मलैया को निगम आयोग में बिठाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाए।
चार्जशीट की तैयारी
मप्र के इतिहास में पहली बार एक साथ तीन वरिष्ठ आईपीएस इस अधिकारियों को चार्जशीट देने की तैयारी शुरू हो गई है। मंत्रालय में गृह विभाग इस विषय पर मंथन कर रहा है। ये तीनों अधिकारी कमलनाथ सरकार में कथित रूप से काले धन के ट्रांजेक्शन में आरोपी बनाए जा रहे हैं। इन्हें चार्जशीट देना लगभग तय हो गया है। सरकार अब इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, विभागीय जांच शुरू करने पर भी विचार कर रही है। इनमें से दो अधिकारी पहले से ही लूप लाईन में है। एक अन्य अधिकारी को शीघ्र ही लूप लाईन भेजा जा सकता है। आरोप तय होने तक इन्हें निलंबित किया जाए या नहीं इसे लेकर अभी संशय बना हुआ है।
महिला आईएएस का पराक्रम
मप्र मंत्रालय में आजकल एक महिला आईएएस अधिकारी के पराक्रम की चर्चा तेज हो गई है। महिला आईएएस अधिकारी ने भाजपा के दिग्गज विधायक के भ्रष्ट दामाद के खिलाफ लोकायुक्त को चालान पेश करने की अनुमति जारी कर दी है। आबकारी विभाग में लंबे समय तक माल कूटने वाले दामाद के यहां लोकायुक्त ने छापा मारा था। लोकायुक्त संगठन की तमाम फाईलें चालान की मंजूरी के लिए मंत्रालय में धूल खाती रहती है, लेकिन आबकारी विभाग के इस अधिकारी की फाईल को जिस तेजी से अनुमति मिली है उससे सभी हैरान है। खास बात यह है कि विभागीय मंत्री ने अनुमति की फाईल रोकी थीं, लेकिन महिला आईएएस वहां से भी अनुमति दिलाने में सफल रहीं। जिस अधिकारी के खिलाफ अनुमति जारी की गई है, उसकी रिश्तेदारी सिर्फ भाजपा में नहीं है, बल्कि वह कांग्रेस के पूर्व मंत्री का भतीजा भी है।
गोडसे का गुणगान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कभी इस बात की इजाजत नहीं दे सकते कि उनके राज्य में उनके मुख्यमंत्री रहते महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोड़से का गुणगान हो। लेकिन ग्वालियर में हिन्दू महासभा एक बार फिर गोड़से प्रेम जाग गया है। दरअसल नाथूराम गोडसे दिल्ली में महात्मा गांधी की हत्या के पहले ग्वालियर के हिन्दू महासभा भवन में ही ठहरा था। यही से पिस्टल लेकर वे गांधीजी की हत्या करने गया था। हिन्दू महासभा गोड़से को आदर्श मानती है। महासभा के पदाधिकारी पहले भी गोडसे की मूर्ति लगाने का प्रयास कर चुके हैं। लेकिन राज्य सरकार ने मूर्ति को जब्त कर लिया था। महासभा ने अब गोडसे ज्ञान मंदिर बनाने का प्रयास किया है। बच्चों को गोडसे की विचारधारा पढ़ाने की कोशिश हो रही है। फिलहाल सरकार और भाजपा ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। जबकि कांग्रेस हमलावर हो गई है।
और अंत में….
मप्र की धरती पर पहली बार शूटिंग करने आई किसी अभिनेत्री का भाजपा नेत्री की तरह स्वागत अभिनंदन किया गया। इस अभिनेत्री ने भी भोपाल में भाजपा और सरकार को खुश करने राजनैतिक बयान भी दिया। कंगना रानौत का मुख्यमंत्री निवास में किसी वीरांगना की तरह स्वागत किया गया। बदले में कंगना ने भी लव जिहाद कानून के पक्ष में बयान देकर मुख्यमंत्री और राज्य सरकार को प्रसन्न कर दिया।