तीन आईएएस पर भारी एक मंत्री
मप्र में इस बार आईएएस अधिकारी अपनी मनमानी नहीं कर पा रहे हैं। एक मंत्री ने एक साथ अपने विभाग के तीन आईएएस अधिकारियों को एक झटके में विभाग से बाहर कर दिया। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की इन तीन आईएएस अधिकारियों से पटरी नहीं बैठ रही थी। इस सप्ताह एक ही आदेश से विभाग की प्रमुख सचिव करलिन खोंगवार देशमुख, आयुक्त तकनीकी शिक्षा पी. नरहरि और संचालक कौशल विकास एस. धनराजू तीनों को हटा दिया गया है। इस आदेश से मुख्यमंत्री ने अफसरशाही को संदेश दे दिया है कि विभागीय मंत्री की अनदेखी सहन नहीं की जाएगी। इसके पहले यशोधरा राजे सिंधिया की उपेक्षा के कारण लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई लिखित में उनसे माफी मांग चुके हैं।
सीएम मोहंती में गुफ्तगू
इस सप्ताह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती के बीच हुई गुफ्तगू मंत्रालय में चर्चा का विषय रही। सभी जानते हैं कि शिवराज सिंह चौहान के लंबे कार्यकाल के दौरान मोहंती को खास तवज्जों नहीं मिली। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही मोहंती को मुख्य सचिव बनाया था। उम्मीद थी कि रिटायरमेंट के बाद मोहंती का सम्मानजनक पुनर्वास होगा। लेकिन कमलनाथ सरकार के जाते ही मोहंती के पुनर्वास की बात तो अलग उनके विरुद्ध पुरानी फाईलें खोली जाने लगी हैं। इस बीच अचानक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मोहंती की मुलाकात प्रशासनिक क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई। वैसे मुखबिरों का कहना है कि शिवराज ने न केवल मोहंती को मुलाकात के दौरान महत्व दिया बल्कि आने वाले दिनो में फिर से मिलने के लिए भी बुलाया है।
घोटाला एक जांच दो
ऐसा लगता है कि मप्र के एक घोटाले के दो पार्ट हो गए हैं। दूसरे पार्ट की तो जांच हो रही है लेकिन पहले पार्ट पर चुप्पी साधी गई है। ई-टेंडर घोटाले में हुई गड़बड़ी को पार्ट एक कह सकते हैं। कमलनाथ सरकार के दौरान इस घोटाले की एफआईआर दर्ज हुई लेकिन मोटी रकम लेकर तमाम बड़े लोगों को बचाने के प्रयास भी हुए। इसे पार्ट दो कह सकते हैं। इस घोटाले में प्रवर्तन निर्देशालय की जांच पार्ट दो पर केन्द्रित दिखाई दे रही है। घोटाला पार्ट दो में प्रदेश के तीन आईपीएस अधिकारी, मोंटाना कंपनी के चेयरमैन राजू मोंटाना, प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी घोटाला दो के मुख्य पात्र बताए जा रहे हैं। यही पात्र ईडी के सीधे निशाने पर हैं। घोटाला पार्ट दो की जांच के चलते अब ईओडब्ल्यू पर घोटाला पार्ट एक की जांच का दबाव बढ़ता जा रहा है।
प्रतिभा बनी उदाहरण
मप्र की एक आईएएस अधिकारी देशभर की उन महिलाओं के लिए उदाहरण बन गई है जो प्रसव के नाम पर लंबे अवकाश की मांग करती हैं। इंदौर नगर निगम की आयुक्त प्रतिभा पाल 10 जनवरी की शाम तक सक्रियता से फील्ड में काम करती दिखाई दीं। रात को खबर आईं कि उन्होंने पुत्र को जन्म दिया है। लोग हैरान थे कि प्रसव के दिन भी प्रतिभा फील्ड में थीं। यह हैरानी तब और बढ़ गई जब प्रसव के ठीक 11 वें दिन 22 जनवरी को प्रतिभा पाल अपने नवजात बच्चे को घर छोड़कर शहर में साफ-सफाई का मुआयना करती नजर आईं। केवल मप्र में नहीं पूरे देश में प्रतिभा पाल की इस सक्रियता की चर्चा हो रही है।
उमा के विद्रोही तेवर
क्या प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने किसी गुप्त एजेंडे के तहत अचानक प्रदेश में शराब बंदी की मुहिम छेड़ दी है? उमा भारती पिछले पांच दशक से मप्र के सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र में सक्रिय हैं लेकिन उन्होंने पहली बार शराब को लेकर इतना तीखा रूख दिखाया है। वे स्वयं मुख्यमंत्री रहीं तब भी उन्होंने शराब बंदी की कोई मुहिम शुरू नहीं की। मुरैना में जहरीली शराब से लगभग 30 लोगों की मौत के बाद उमा भारती ने शराबबंदी की बात पार्टी फोरम पर रखने के बजाए सीधे मीडिया में रखी है। उन्होंने यहां तक घोषणा कर दी है कि अब चाहे कुछ हो जाएं वे प्रदेश में शराबबंदी कराकर रहेंगी। उन्होंने इसकी शुरूआत अपने गृह ग्राम डूंडा, टीकमगढ़ से करने की बात भी कही है। उमा भारती का कहना है कि वे जल्द ही अपने गांव जाकर वहां की शराब दुकान बंद कराएंगी। शिवराज सरकार फिलहाल उमा के बयान पर खामोश है।
मजाक के पात्र बन रहे कमलनाथ
मप्र में कांग्रेस का आईटी सेल अपने ही नेता कमलनाथ को मजाक का पात्र बना रहा है। प्रदेश में सरकार जाने के बाद कांग्रेस का आईटी सेल लगातार दावे करता रहा कि 15 अगस्त को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर कमलनाथ फिर मुख्यमंत्री बनकर झंडा फहराएंगे। ऐसा तो हुआ नहीं उल्टे उपचुनाव में कांग्रेस की करारी हार भी हो गई। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस का आईटी सेल फिर से दावे कर रहा है कि कमलनाथ जल्द ही मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। कांग्रेस के आईटी सेल इन खोखले दावों से कांग्रेस के कार्यकर्ता भी हैरान है और पार्टी फोरम पर यह बात कही जा रही है कि कांग्रेस के अधिकृत ट्वीटर हेंडल व सोशल प्लेटफार्म पर इस तरह के मजाक बंद होना चाहिए।
और अंत में….
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने पार्टी के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने शानदार उदाहरण पेश किया है। ग्वालियर के रहने वाले लोकेन्द्र पाराशर एक बार फिर मीडिया विभाग की कमान मिलने के बाद पहली बार ग्वालियर जा रहे थे तो अनेक पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत में पोस्टर बैनर लगाना शुरु किए। लोकेन्द्र पाराशर ने सोशल मीडिया के जरिए सभी कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि शहर में एक भी पोस्टर बैनर उनके स्वागत के लिए न लगाए जाएं। बल्कि इसकी राशि संग्रहित कर अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित की जाए। लोकेन्द्र की यह पहल केवल भाजपा ही नहीं सभी दलों के लिए उदाहरण बन सकती है।