क्लाथ मार्केट अस्पताल में 45 मरीज भर्ती, लेकिन कल एक भी इंजेक्शन नहीं मिला
इन्दौर। शहर के निजी अस्पतालों (Private Hospital) में रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) की आपूर्ति को लेकर किए जा रहे दावों की पोल खुद अस्पताल संचालक ही खोल रहे हैं। उनका कहना है कि मांग के बाद मात्र 30 से 40 प्रतिशत इंजेक्शन की ही आपूर्ति की जा रही है, जिसके कारण अस्पताल में रोज विवाद हो रहे हैं। फिलहाल अस्पताल प्राथमिकता के तौर पर गंभीर मरीजों को इंजेक्शन लगा रहे हैं।
पिछले 15 दिनों से कोरेाना के गंभीर मरीजों के परिजन रेमडेसिविर की कमी से जूझ रहे हैं। शासन-प्रशासन के लाख दावों के बावजूद अस्पतालों में इंजेक्शन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, खासकर निजी अस्पतालों तक तो इंजेक्शन (Injection) ही नहीं पहुंच पा रहे हैं। कल विधायक संजय शुक्ला (MLA Sanjay Shukla) ने जब अस्पतालों में जाकर पता किया तो ये हकीकत पता चली। लाबरिया भेरू स्थित क्लाथ मार्केट अस्पताल में जब वे पहुंचे तो वहां के प्रबंधन ने कहा कि 12 अप्रैल को 6 इंजेक्शन मिले थे और 13 तारीख को 12, लेकिन आज एक भी इंजेक्शन नहीं मिला है, जबकि यहां 45 मरीज भर्ती हैं। ऐसे में हम क्या करें? गीतांजली अस्पताल (Geetanjali Hospital) में भी कल कोई इंजेक्शन (Injection) नहीं दिया गया, जबकि यहां 40 मरीजों को इंजेक्शन की आवश्यकता है। शुक्ला जब एयरपोर्ट रोड के सिटीजन अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने बताया कि हमारे यहां 16 मरीज हैं, लेकिन एक भी इंजेक्शन नहीं मिला है और ऑक्सीजन भी पर्याप्त नहीं है। यहीं पास में बांठिया हास्पिटल में 28 मरीज भर्ती थे, जिनके लिए 13 तारीख को 12 इंजेक्शन (Injection) मिले, लेकिन कल एक भी इंजेक्शन (Injection) नहीं मिला। शुक्ला जब दशहरा मैदान के सामने यूनिक हास्पिटल पहुंचे तो वहां अफरा-तफरी मच गई। वहंां के संचालक के नहीं होने पर शुक्ला नाराज हुए। यहां कोई भी इंजेक्शन का रिकार्ड नहीं बता पाया। बाद में डॉ. पाटीदार आए और उन्होंने बताया कि हमारे यहां 78 मरीज भर्ती हैं, लेकिन 28 इंजेक्शन मिले हैं। इसी बीच एक युवक आया और शुक्ला के पैरों में गिर पड़ा और कहने लगा कि मेरी मां मर जाएगी, उसे भर्ती करवा दो। इस पर शुक्ला ने अस्पताल प्रबंधन से कहा कि इन्हें भर्ती करो तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि अभी अस्पताल में बेड ही नहीं है। इस पर युवक रोने लगा। बाद में दूसरे अस्पताल में भर्ती करने का आश्वासन देकर शुक्ला वहां से रवाना हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार रेमडेसिविर (Remedisvir)को लेकर सरकार दावे कर रही है कि अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है और इसे खुले बाजार में बिकने से रोक दिया है, लेकिन दावों और हकीकत की पोल यहां खुलती हुई दिखाई दे रही है। इसी बीच कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल भी पहुंच गए। उन्होंने बताया कि कई अस्पतालों से आक्सीजन खत्म होने की खबर आ रही है, लेकिन अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। बेहतर हो कि अस्पतालों को आक्सीजन का पूरा कोटा उपलब्ध कराया जाए। कल कुछ अस्पतालों में मरीजों को बाहर से इंजेक्शन लाने के लिए भी कहा गया, लेकिन खुले बाजार में इंजेक्शन नहीं मिले तो परिजन परेशान होते रहे। कुछ जगह से इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरें अभी भी आ रही है। जिन लोगों ने इंजेक्शन स्टोर करके रखे हैं, वे मनमाने दामों पर बेच रहे हैं।
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