ब्‍लॉगर

दीनदयाल जी के भाव बोध में भारतीय दर्शन की अनुगूंज

– हृदयनारायण दीक्षित भारत की ऋषि परंपरा प्राचीन है। ऋषियों को मंत्र द्रष्टा कहा गया है। ऋषि अनेक हैं। सब संवादरत हैं लेकिन अनुभूति एक है। एकं सद् विप्रा बहुधा वदन्ति। पं. दीनदयाल उपाध्याय आधुनिक काल के तत्वद्रष्टा ऋषि हैं। उन्होंने एकात्म मानव दर्शन का विचार दिया। भारतीय राष्ट्रभाव के संवर्द्धन में पूरा जीवन लगाया। […]