ब्‍लॉगर

मजहबी स्वतंत्रता के नाम पर आर्थिक युद्ध

– डॉ नीलम महेंद्र धर्म अथवा पंथ जबतक मानव केव्यक्तिगत जीवन का हिस्सा बनने तक सीमित रहे,वो उसकी आध्यात्मिक उन्नति कामाध्यम बन कर उसमें एक सकारात्मक शक्ति का संचार करता है। लेकिन जब वो मानव केव्यक्तिगत जीवन के दायरे से बाहर निकल कर समाज के सामूहिक आचरण का माध्यम बन जाताहै तो वो समाज में […]