ब्‍लॉगर

कविता और लोकजीवन का मार्गदर्शन

– ह्रदय नारायण दीक्षित जीवन और जगत को प्रकट करने के दो माध्यम हैं। पहला प्रत्यक्ष भौतिक जगत है। यह विज्ञान सिद्ध है। इसकी व्याख्या का मुख्य उपकरण बुद्धि है। तर्क बड़ा हथियार है। लेकिन तर्क पर्याप्त नहीं है। जीवन आनंद का अनुभव तर्क से नहीं होता। महाभारत के यक्ष प्रश्नों में युधिष्ठिर से यक्ष […]

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नौटंकीः लोकजीवन को आनन्दित करने वाली विधा

– हृदयनारायण दीक्षित भारत उत्सव प्रिय देश है। सतत् कर्म यहां जीवन साधना है। पूरे वर्ष कर्म प्रधान जीवन और बीच-बीच में पर्व त्योहार और उत्सवों का आनंद। भारत के मन का उत्स सांस्कृतिक है। उत्स का अर्थ है केन्द्र। उत्सव परिधि है। उत्सव उल्लासधर्मा होते हैं। वे भारत के लोक को भीतर और बाहर […]