ब्‍लॉगर

गीता का संदेश आज भी प्रासंगिक

– गिरीश्वर मिश्र आज के दौर में चिंता, अवसाद और तनाव निरन्तर बढ़ रहे हैं। बढ़ती इछाओं की पूर्ति न होने पर क्षोभ और कुंठा होती है। तब आक्रोश और हिंसा का तांडव शुरू होने लगता है। दुखद बात तो यह है कि सहिष्णुता और धैर्य कमजोर पड़ने लगे हैं। आपसी रिश्ते, भरोसा और पारस्परिकता […]