ब्‍लॉगर

आइए लिखें नई इबारत

– गिरीश्वर मिश्र नए के प्रति आकर्षण मनुष्य की सहज स्वाभाविक प्रवृत्ति है। ‘नया’ अर्थात जो पहले से भिन्न है। मौलिक है। अपनी अलग पहचान बनाता है। यह भिन्नता सृजनात्मकता का प्राण कही जाती है। उसी कृति या आविष्कार को प्रतिष्ठा मिलती है, पुरस्कार मिलता है जिसमें कुछ नयापन होता है, जो पुरानी घिसी-पिटी लीक […]