ब्‍लॉगर

जनतंत्रः मानव समाज की आंतरिक एकता

– हृदयनारायण दीक्षित भारतीय चिन्तन की मूल भूमि लोकतंत्र है। अनेक विचार हैं। 8 प्रतिष्ठित दर्शन हैं। विचार भिन्नता है। सब मिलकर लोकतंत्र की भावभूमि बनाते हैं। लोक और जन वैदिक पूर्वजों के प्रियतम विचार रहे हैं। लोक बड़ा है। आयतन में असीम लेकिन विश्वास में हृदयग्राही। लोक प्रकाशवाची है। भारतीय चिन्तन में लोक एक […]