– योगेश कुमार गोयल राष्ट्रीय एकता के प्रति सरदार पटेल की निष्ठा आजादी के इतने वर्षों बाद भी पूरी तरह प्रासंगिक है। एकता की मिसाल कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल गुजरात के नाडियाद में एक किसान परिवार में 31 अक्तूबर 1875 को जन्मे थे, जिन्होंने सदैव देश की एकता को सर्वोपरि माना। सरदार […]
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सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राष्ट्रीय एकता का पर्व दशहरा
– योगेश कुमार गोयल आश्विन शुक्ल दशमी को प्रतिवर्ष ‘विजयादशमी’ का पर्व मनाया जाता है, जिसे दशहरा भी कहा जाता है। दशहरा इस वर्ष उदया तिथि के अनुसार 24 अक्तूबर को मनाया जा रहा है। समस्त भारत में दशहरा भगवान श्रीराम द्वारा रावण के वध के रूप में अर्थात् बुराई पर अच्छाई की जीत के […]
आचार्य शंकर: राष्ट्रीय एकता एवं सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रवर्तक
– वीरेन्द्र सिंह परिहार जगतगुरु श्री शंकराचार्य का जन्म उस समय हुआ था, जब बौद्ध धर्म पतनात्मक स्थिति की ओर जा रहा था, धर्म के नाम पर अनाचार फैल रहा था। विडम्बना यह कि अनेक वर्षों तक राजाश्रय प्राप्त होने के चलते बौद्धों को सत्ता का स्वाद लग चुका था। विदेशियों ने ढलती हुई बौद्ध […]
राष्ट्रीय एकता के लिए एक समान कानून जरूरी
– हृदयनारायण दीक्षित समान नागरिक संहिता अपरिहार्य है। यह राष्ट्र राज्य का संवैधानिक कर्तव्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे आवश्यक बताया है। मोदी ने समान नागरिक संहिता को राष्ट्र की जरूरत बताते हुए कहा कि, इसके नाम पर कुछ दल मुस्लिमों को भड़का रहे हैं। उन्होंने इसके विरोध पर सवाल उठाते हुए कहा कि, […]
राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता के प्रतीक हैं शिव
– योगेश कुमार गोयल देवाधिदेव भगवान शिव के समस्त भारत में जितने मंदिर अथवा तीर्थ स्थान हैं, उतने अन्य किसी देवी-देवता के नहीं। आज भी समूचे देश में उनकी पूजा-उपासना व्यापक स्तर पर होती है। महाशिवरात्रि को भगवान शिव का सबसे पवित्र दिन माना गया है, जो सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत भी है। भारत में […]
राष्ट्रीय एकता के सूत्रधार लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल
– मृत्युंजय दीक्षित देश के बंटवारे के आधार पर मिली स्वतंत्रता के पश्चात की उथलपुथल में जो भारतीय एकता के प्रतीक बनकर उभरे, एक प्रखर देशभक्त जिन्होंने ब्रिटिश राज के अंत के बाद 562 रियासतों को एक सूत्र में पिरोया, एक महान प्रशासक जिन्होनें लहू से छलनी भारत को स्थिर किया, उन महान लौहपुरुष सरदार […]