ब्‍लॉगर

एकपक्षीय विचार नहीं भारतीय चिंतन

– हृदयनारायण दीक्षित सभी मनुष्य जनहितकारी राजव्यवस्था और समाज व्यवस्था में रहना चाहते हैं। ऋग्वेद (9.111.10 व 11) में सोम देवता से प्रार्थना है कि जहाँ जीवन की सारी आवश्यकताएं पूरी होती हों, तृप्तिदायक अन्न हों, जहाँ आनन्द, मोद, मुद व प्रमोद है, जहाँ विवस्वान का पुत्र राजा है, जहाँ विशाल नदियाँ बहती हैं। आप […]