इंदौर न्यूज़ (Indore News)

पद्मभूषण लेने वाली इंदौर की पहली महिला बनीं ताई

उत्कृष्ट राजनीति के लिए राष्ट्रपति ने दिया सम्मान
इंदौर। लगातार आठ बार सांसद और लोकसभा (Lok Sabha) की अध्यक्ष रहीं सुमित्रा महाजन (Samitra Mahajan) को आज पद्मभूषण (Padma Bhushan) दिया गया। यह भारत सरकार (Government of India) का तीसरे नंबर का सर्वोच्च सम्मान है, जो आज तक इंदौर में किसी को नहीं मिला है।


राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) से ताई (Tai) को निमंत्रण मिलने के बाद वे कल दिल्ली (Delhi) रवाना हो गई थीं, जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी (LK Advani) के जन्म दिवस पर उनके निवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुर्इं। ताई (Tai) को यह सम्मान उत्कृष्ट राजनीति करने वाली राजनीतिज्ञ के रूप में दिया जा रहा है। मीरा कुमार के बाद महाजन ही ऐसी एकमात्र महिला हैं, जो लगातार आठ बार सांसद और एक बार लोकसभा की अध्यक्ष बनीं। राजनीतिक शुचिता के लिए जानी जाने वाली ताई (Tai) ने आज सुबह पुरस्कार मिलने के पहले बताया कि मैंने कभी पुरस्कार की इच्छा नहीं रखी और राजनीति उसके लिए की भी नहीं जाती है, लेकिन मेरा सौभाग्य रहा कि इंदौर के लोगों ने मुझे लगातार आठ बार उनकी सेवा करने के लिए चुना। ताई (Tai) 1965 में इंदौर में ब्याहकर आई थीं और उसके उपरांत उन्होंने सहकारिता के क्षेत्र में काम करना शुरू किया था। 1983 में वे इंदौर की अग्रणी सहकारी बैंक महाराष्ट्र ब्राह्मण सहकारी बैंक (Co-operative Bank Maharashtra Brahmin Co-operative Bank) में संचालक चुनी गर्ईं। 1986 से 1989 तक वे इंदूर परस्पर सहकारी बैंक लिमिटेड में संचालक के पद पर रहीं और वहीं से उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। भाजपा (BJP) ने उन्हें वरिष्ठ पार्षद के रूप में चुना एवं निगम की शिक्षा समिति अध्यक्ष तथा उपमहापौर जैसे पद पर भी ताई (Tai) रहीं। 1989 में उन्हें लोकसभा का टिकट मिला और उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशचंद्र सेठी (Former Chief Minister Prakash Chandra Sethi) को हराया। इसके बाद वे लगातार सात बार विजयी होकर लोकसभा (Lok Sabha) में इंदौर का प्रतिनिधित्व करती रहीं। केंद्रीय मंत्री, केंद्र में विभिन्न समितियों की सदस्य के साथ-साथ भाजपा (BJP) में वे प्रदेश उपाध्यक्ष, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय प्रभारी, भाजपा (BJP) की राष्ट्रीय सचिव, महासचिव के साथ-साथ गुजरात की प्रभारी भी बनाई गईं और हर जगह अपने व्यवहार तथा कार्यकुशलता से सफलता प्राप्त की। इस दौरान इंदौर को कई योजनाओं की सौगात के साथ रेलवे सुविधाओं में अग्रणी बनाया।

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