पीडि़तों ने की कलेक्टर से शिकायत… दबंगों के हौंसले इतने बुलंद कि महिला नायब तहसीलदार को भी नहीं घुसने दिया
इंदौर। गृह निर्माण संस्थाओं (House building institutions) के पीडि़तों के अलावा निजी कम्पनियों (private companies) या अन्य जमीन (land) मालिकों से ठगाए पीडि़त भी लगातार पुलिस-प्रशासन (police-administration) के पास शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में शारदा कुंज राजपूताना पैलेस (Rajputana Palace) के मामले में लोगों ने शिकायत की है कि यहां 81 फार्म हाउस के भूखंड सालों पहले बेचे गए थे और मौके पर अवैध रिसोर्ट बना लिये। लोगों का आरोप है कि इसके कर्ताधर्ताओं के हौंसले इतने बुलंद हैं कि पिछले दिनों नायब तहसीलदार को भी नहीं घुसने दिया।
कल कलेक्ट्रेट में पहुंचकर लोगों ने शिकायत की कि रालामंडल (Ralamandal) क्षेत्र में शारदा कुंज नाम से फार्म हाउस के भूखंड काटकर बेचे गए थे। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि पहले सूर्या फार्म हाउस के नाम पर जो भूखंड बेचे गए थे उनमें से लगभग 81 लोगों ने सालों पहले 5-5 हजार स्क्वेयर फीट के भूखंड खरीदे थे। 1992 में फार्म हाउस के नाम पर बिके अधिकांश भूखंडों की की रजिस्ट्रियां करवाकर पजेशन दे दिया गया था, लेकिन बाद में कुछ दबंगों के कब्जे में यह जमीन आ गई। इसके कर्ताधर्ता सेंगर बताए जाते हैं। 2012 के बाद इस भूमि पर दबंगों का कब्जा हो गया। मास्टर प्लान में कैलोदकर्ताल की ये जमीन चूंकि ग्रीन बेल्ट की है। लिहाजा इस पर किसी तरह का पक्का निर्माण नहीं किया जा सकता। लेकिन पिछले कुछ समय पूर्व यहां पर एक भव्य राजपूताना पैलेस (Rajputana Palace) बना लिया गया, जिसका उपयोग मैरिज गार्डन के रूप में भी हो रहा है और यहां पर कई बड़ी पार्टियां आयोजित होती रही है। कलेक्टर मनीष सिंह ने पीडि़तों की शिकायत पर एसडीएम अक्षय मरकाम को जांच सौंपी है। श्री मरकाम के मुताबिक हाईकोर्ट भी इसे अवैध बता चुका है। लिहाजा इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शिकायत झूठी.. कई बार जांच हो चुकी है
जो लोग शिकायत कर रहे हैं वे झूठी शिकायत कर रहे हैं। ये लोग बार-बार ब्लेकमेल करने आ जाते हैं, जबकि 1974 से यहां हमारा घर बना हुआ है। फार्म हाउस की जमीन पर घर बनाने के मामले मेंं पहले भी शिकायत हुई थी, जिसमें तीन बार कलेक्टर कार्यालय द्वारा एसडीएम जांच कर चुके हैं और नगर निगम भी दो बार जांच कर चुका है। पांचों बार ही शिकायत झूठी पाई गई। कल तहसीलदार भी आई थीं तो मैंने उन्हें सारे कागजात दिखाएं। मैं प्रापर्टी टैक्स भी भर रहा हूं।
-शैलेन्द्र प्रतापसिंह सेंगर