वॉशिंगटन। पश्चिम एशिया (West Asia) में तनाव बढ़ रहा है। एक तरफ इस्राइल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच लड़ाई जारी है। वहीं ईरान (Iran) और इस्राइल में भी तनातनी बढ़ रही है। अमेरिका (America) के साथ ईरान की परमाणु समझौते (Nuclear Deal) पर भी बातचीत पटरी से उतरती दिख रही है। ऐसे में बिगड़ते हालात के बीच अमेरिका ने एक बड़ा कदम उठाया है और पश्चिम एशिया से अपने गैर जरूरी और अतिरिक्त सैनिकों (Additional Troops) को वापस बुलाने का फैसला किया है।
इस्राइली मीडिया के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि अपनी ताजा समीक्षा के बाद हमने इराक स्थित अपने दूतावास से कर्मचारियों की संख्या घटाने का फैसला किया है। साथ ही बहरीन और कुवैत से भी अतिरिक्त सैनिकों और दूतावास कर्मचारियों के साथ ही उनके परिवार के लोगों को भी बुलाने का फैसला किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने भी अतिरिक्त कर्मचारियों को पश्चिम एशिया से वापस बुलाने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों की सुरक्षा हमारे लिए सबसे अहम है।
गौरतलब है कि पश्चिम एशिया में तनाव लगातार बढ़ रहा है। अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते पर काफी बातचीत के बाद भी सहमति नहीं बन पा रही है। वहीं ईरान तेजी से परमाणु हथियार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इससे इस्राइल में चिंता का माहौल है। राष्ट्रपति ट्रंप के एक हालिया बयान ने चिंता को और बढ़ाया है। सैनिकों के परिवारों और अतिरिक्त कर्मचारियों को पश्चिम एशिया से वापस बुलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘पश्चिम एशिया एक खतरनाक जगह हो सकती है। इसलिए हमने नोटिस दिया है कि लोग वापस आ सकते हैं। बाकी हम देखेंगे कि आगे क्या करना है।’
अमेरिकी विदेश विभाग पेंटागन के साथ मिलकर समन्वय से काम कर रहा है और इराक, बहरीन, कुवैत के साथ ही इरबिल, इराकी कुर्दिस्तान में स्थित अमेरिकी दूतावासों से अतिरिक्त कर्मचारियों को वापस बुलाया जा रहा है। अमेरिकी मीडिया के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की थी और उन्हें ईरान पर हमला न करने की सलाह दी थी। दरअसल ऐसी खबरें आईं थी कि इस्राइल, ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने की योजना बना रहा है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved