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आतंकी पन्नू ने छह दिन पहले दी थी संसद पर हमले की धमकी, फिर भी कैसे हुई सुरक्षा में चूक?

नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में बुधवार को भारी चूक हुई. यह गंभीर इसलिए मानी जा रही है, क्योंकि 22 साल पहले इसी तारीख पर संसद पर बड़ा आतंकी हमला हुआ था. छह दिन पहले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी संसद पर हमले की धमकी दी थी. इसके बावजूद दो युवक स्मोक स्टिक लेकर न सिर्फ विजिटर गैलरी में पहुंचे. बल्कि सदन में कूदकर अफरा-तफरी भी मचा दी.

संसद में बुधवार को दो युवकों ने अफरा-तफरी मचा दी. दर्शक दीर्घा से सदन में कूदकर इन्होंने जूते से कुछ निकाला जिससे सदन में धुआं ही धुआं फैल गया. बाद में सांसदों और सुरक्षा कर्मियों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया जिनके नाम सागर और मनोरंजन बताए जा रहे हैं, इन्होंने सदन में स्मोक क्यों छोड़ा ये तो अभी तक साफ नहीं है, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार उनसे पूछताछ कर रही हैं. यह मामला सुरक्षा में चूक का है, लेकिन इसे बड़ी लापरवाही इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि यह उसी दिन हुआ जिस दिन 22 साल पहले संसद पर आतंकी हमला हुआ था. पन्नू ने भी इसी दिन हमला होने की चेतावनी दी थी.


खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने छह दिन पहले एक वीडियो जारी कर 13 दिसंबर को संसद पर हमले की चेतावनी दी थी. पन्नू ने कहा था कि भारत ने उसकी हत्या की योजना बनाई थी, जो सफल नहीं हुई. इस प्लानिंग के जवाब में 13 दिसंबर को संसद पर हमला करेगा. वीडियो में पन्नू ने 22 साल पहले संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरु का एक पोस्टर भी जारी किया था.

संसद पर हमले की धमकी से पहले ही गुरुपतवंत सिंह पन्नू पहले भी कई बार धमकी दे चुका है. इससे पहले 19 नवंबर को पन्नू ने सिखों को एयर इंडिया की फ्लाइट से सफर न करने की सलाह दी थी. पन्नू ने ये कहा था कि यदि ऐसा किया तो जान खतरे में पड़ जाएगी. वीडियो में पन्नू ने यहां तक दावा किया था कि दिल्ली का IGI एयरपोर्ट 19 नवंबर को बंद रहेगा और उसका नाम भी बदला जाएगा.

मोस्ट वांटेड पन्नू की धमकियों पर साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बयान दिया था. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि पन्नू वांटेड घोषित है. वह जो भी धमकियां दे रहा है, उसके बारे में साझीदार देशेां को बता दिया गया है. इन देशों से सुरक्षा सहयोग को लेकर भी बातचीत की जा रही है. विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा था कि किसी भी आतंकी या चरमपंथी संगठन या व्यक्ति की ओर से भारतीय राजनयिकों या संपत्तियों को दी जा रही धमकी के बारे में हम लगातार बात कर रहे हैं.

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