बड़ी खबर

किसान आंदोलन खत्म होने की आहट, सरकार ने भेजे 5 प्रस्ताव


सिंघु बॉर्डर । जल्द ही किसान आंदोलन खत्म हो सकता है (Farmers’ movement to end soon) । इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार (Government) ने किसान संगठनों (Farmer’s Organizations) को पांच अहम प्रस्ताव भेजे (Sent 5 Proposals) हैं। केंद्र ने अपने प्रस्ताव में न्यूनतम समर्थन मूल्य, केस की वापसी और बिजली विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट किया है।


इसी के मद्देनजर संयुक्त किसान मोर्चा की आज बैठक हुई। बुधवार को भी एसकेएम की 2 बजे बैठक होगी । सूत्रों के मुताबिक, सरकार के प्रस्ताव पर हरियाणा के संगठन तैयार नहीं हो रहे हैं, पंजाब के 90% संगठन सरकार के प्रस्ताव पर संतुष्ट हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा, ”सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। कुछ मुद्दों पर किसान नेताओं ने स्पष्टीकरण की मांग की है। उनकी राय सरकार को भेजी जाएगी। उम्मीद है कि कल सरकार का जवाब आएगा। इसके बाद कल 2 बजे फिर बैठक होगी।”
बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि एमएसपी कमेटी में ऐसे लोग ना हों जो कृषि कानूनों के समर्थक हैं। मुकदमा वापसी पर आंदोलन वापस लेने के एलान की शर्त लगा दी है। इस शर्त से हम तैयार नहीं है। हम सरकार से फिर बात करेंगे।

सरकार के पांच प्रस्ताव
1. सरकार ने प्रस्ताव में कहा, ”MSP पर प्रधानमंत्री ने स्वयं और बाद में कृषि मंत्री ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की है। इस कमेटी में केंद्र, राज्य सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि और और कृषि वैज्ञानिक सम्मलित होंगे। हम इसमें स्पष्टता चाहते हैं कि किसान प्रतिनिधि में एसकेएम के प्रतिनिधि होंगे।”
2. प्रस्ताव में कहा गया है कि जहां तक आंदोलन के वक्त के केसों का सवाल है तो यूपी सरकार और हरियाणा सरकार ने इसके लिए पूर्णतया सहमति दी है कि आंदोलन वापस खींचने के बाद तत्काल ही केस वापिस लिए जाएंगे। किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार के संबंधित विभाग और संघ प्रदेश क्षेत्र के आंदोलन के केस पर भी आंदोलन वापिस लेने के बाद केस वापिस लेने की सहमति बनी है।

3. मुआवजे का जहां तक सवाल है, इसके लिए भी हरियाणा और यूपी सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। उपर्युक्त दोनों विषयों के संबंध में पंजाब सरकार ने भी सार्वजनिक घोषणा कर दी है।
4. केंद्र ने प्रस्ताव में कहा, ”जहां तक इलेक्ट्रिसिटी बिल का सवाल है, संसद में पेश करने से पहले सभी स्टेकहोल्डर्स के अभिप्राय लिए जाएंगे।”
5. प्रस्ताव में गया गया है, ”जहां तक पराली के मुद्दे का सवाल है, भारत सरकार ने जो कानून पारित किया है उसकी धारा 14 एवं 15 में क्रिमिनल लाइबिलिटी से किसान को मुक्त दी है।”

बता दें कि कृषि कानूनों को रद्द किए जाने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर एक साल से अधिक समय से किसान आंदोलित हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं।

Share:

Next Post

क्‍या आंदोलन खत्‍म कर वापस लौटेंगे किसान? केंद्र के प्रस्ताव पर चर्चा करने कल 2 बजे फिर होगी बैठक

Tue Dec 7 , 2021
नई दिल्‍ली। केंद्र की ओर से भेजे गए मसौदा प्रस्ताव को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पर काफी मंथन किया। पूरी तरह सहमति न बनने की वजह से अब बुधवार (Wednesday) को एक बार फिर बैठक आयोजित की जाएगी। आज की बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि […]