नई दिल्ली। इस समय वैश्विक महामारी कोरोना (global pandemic corona) से ज्यादा लोग भीषण गर्मी और लू के प्रकोप (scorching heat and heat stroke) से जूझ रहे हैं। लगातार बढ़ते तापमान और गर्म हावाओं (temperature and hot winds) के थपोड़े से शहर दर शहर भट्टी की तरह तप रहे हैं। यहां तक कि इस बार पिछले 50 साल की सबसे भीषण गर्मी पड़ रही है। साथ ही गर्मी के ट्रेंड में भी बदलाव आया है। मौसम का यह ट्रेंड क्यों और किन कारणों से बदल रहा है, उस पर स्टडी चल रही है।
बता दें कि भीषण गर्मी और लू के बढ़ते तापमान का सामना भारत के कई राज्य कर रहे हैं। राजस्थान, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, दिल्ली में पारा 46 डिग्री के पार चला गया है। भारतीय मौसम विभाग ने भी आने वाले कुछ दिनों में हीटवेव जैसे हालात बने रहने की संभावना जताई है।
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम राजस्थान में 30 अप्रैल को हीटवेव की स्थिति और 1 मई को भीषण गर्मी की संभावना है। इसके अलावा विदर्भ, मध्य प्रदेश में अगले पांच दिनों के दौरान हीटवेव की संभावनाएं हैं। जबकि, पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और तेलंगाना में ऐसे हालात चार दिनों के दौरान हो सकते हैं। वहीं बिहार, आंतरिक ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र में आज हीटवेव के आसार हैं। वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड में 1 मई तक हीटवेव की संभावना है।
72 सालों में दूसरी बार दिल्ली इतने गर्म अप्रैल का गवाह बना। यहां औसत मासिक अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस रहा। नई दिल्ली में बीते 6 सप्ताह से तापमान सामान्य से औसतन 4 डिग्री ज्यादा रहा। शुक्रवार को राजस्थान में 46.5 डिग्री सेल्सियस के साथ भीषण गर्मी रही। 1 मई को जोधपुर और बिकानेर जिलों अधिकतम तापमान 45 और 47 डिग्री सेल्सियस रह जाता है।
मौसम के जानकारों का कहना है ज्यादा तापमान से ज्यादा चिंता का कारण गंभीर हीटवेव की अवधि है। बर्कले अर्थ में प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर रॉबर्ट रोड ने भी भारतीय/पाकिस्तान हीट वेव की अवधि को लेकर चिंता जताई है। Share: