दो कम्पनियों को पछाडक़र पीयूवी इंडिया ने मारी बाजी, तो सीईजी समूह ने १३.६४ किलोमीटर के एलिवेटेड और अंडरग्राउंड कॉरिडोर का लिया जिम्मा
इंदौर। एक तरफ मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन (Madhya Pradesh Metro Rail Corporation) ने इंदौर के अंडरग्राउंड कॉरिडोर (underground corridor) के लिए 2550 करोड़ के टेंडर को नए सिरे से आमंत्रित किया है। वहीं दूसरी तरफ इंदौर और भोपाल मेट्रो ट्रेन संचालन और उससे जुड़ी निर्माण प्रक्रिया के सेफ्टी ऑडिटर (safety auditor) का टेंडर भी मंजूर किया है। साथ ही डिजाइन, वेरिफिकेशन इंजीनियरिंग का ठेका भी दे दिया है। ये दोनों महत्वपूर्ण ठेके अभी मंजूर किए गए हैं, जिनकी लागत 22 करोड़ रुपए से अधिक की है। दो कम्पनियों को पछाडक़र इन फर्मों ने ठेके हासिल किए हैं, जिसमें भोपाल मेट्रो का 20 किलोमीटर से अधिक का हिस्सा और इंदौर मेट्रो (Indore Metro) का लगभग साढ़े 13 किलोमीटर का हिस्सा शामिल है।
अभी डिजाइन वेरिफिकेशन इंजीनियरिंग के ठेके को कॉर्पोरेशन ने मंजूरी दी है। यह ठेका कंसल्टिंग इंजीनियर्स ग्रुप यानी सीईजी को हासिल हुआ है। इस फर्म की जिम्मेदारी रहेगी कि वह आर्किटेक्चरल सिविल, स्ट्रक्चर, वॉटर, सीवरेज, ड्रेनेज, डिजाइन से लेकर एलिवेटेड और अंडरग्राउंड स्टेशनों की जो डिजाइन विशेषज्ञों द्वारा तैयार की जाएगी उसकी जांच-पड़ताल करे। इंदौर और भोपाल दोनों ही स्थानों पर अभी मेट्रो प्रोजेक्ट अमल में लाया जा रहा है, जिसके लिए यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। 4 साल ठेका अवधि रहेगी। कंसल्टिंग इंजीनियर्स ग्रुप ने 16.30 करोड़ रुपए का टेंडर भरा था, जो मंजूर भी हुआ। वहीं प्रतिद्वंद्वी फर्म अएशा इंडिया प्रा.लि. ने 19.93 करोड़ और सिस्ट्रा एमवीए कंसल्टिंग इंडिया प्रा.लि. ने 21.96 करोड़ का टेंडर जमा किया था। मगर लोएस्ट यानी कम दरों का टेंडर जीईएस का मंजूर किया गया है। इसी तरह टीयूवी इंडिया को इंदौर-भोपाल मेट्रो के लिए इंडिपेंडेंट सेफ्टी असेसर्स कॉन्ट्रेक्ट यानी ठेका दिया गया है। इसमें भी दो अन्य फर्में प्रतिस्पर्धा के लिए मैदान में मौजूद थीं। मगर टीयूवी इंडिया प्रालि ने 6.68 करोड़ की राशि का टेंडर भरा जो मंजूर हुआ। दूसरी फर्म ब्यूरो वेरिटास इंडिया ने 6.78 करोड़, तो एक अन्य फर्म टीयूवी सुड साउथ एशिया प्रा.लि. ने तो दो गुना से अधिक राशि 16.47 करोड़ का टेंडर भरा था। यह फर्म सुरक्षा से जुड़े मानकों को निर्धारित करवाएगी।
Share: