- एक्सपोर्ट बंद होने का विरोध, व्यापारियों ने नहीं की खरीदी
भोपाल। भोपाल की करोंद अनाज मंडी के व्यापारियों ने एक्सपोर्ट बंद होने के विरोध में आज दूसरे दिन भी गेहूं, चना समेत अन्य अनाज की खरीदी नहीं की। मंगलवार को भी मंडी में वीरानी छाई रही। हालांकि, व्यापारियों की हड़ताल की जानकारी कई किसानों को नहीं थी। इस कारण 20 ट्रॉलियों में करीब 500 क्विंटल गेहूं लेकर किसान मंडी में पहुंच गए। बाद में उन्हें वापस लौटना पड़ा।
गेहूं का एक्सपोर्ट बंद होने से भोपाल के अनाज व्यापारियों का कई टन गेहूं कांडला, गांधीधाम और मुंद्रा बंदरगाह पर पड़ा हुआ है। इससे उन्हें करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। ऐसा ही मध्यप्रदेश के अन्य जिलों के व्यापारियों के साथ है। इस कारण भोपाल, नर्मदापुरम्, सागर, छिंदवाड़ा समेत कई जिलों में दो दिन की हड़ताल शुरू हो गई है। करोंद मंडी में आज सुबह से ही वीरानी छाई रही। दोपहर 12 बजे अनाज की नीलामी की जाती है, लेकिन व्यापारी नहीं पहुंचे। इस कारण जो किसान गेहूं-चना बेचने आ गए, उन्हें वापस जाना पड़ा। आजाद मार्केट के व्यापारियों ने भी अनाज नहीं खरीदा।
कई दिन से गेहूं के ट्रक-ट्रॉले बंदरगाहों पर खड़े
भोपाल ग्रेन एंड ऑइल सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीशकुमार ज्ञानचंदानी, प्रवक्ता संजीवकुमार जैन ने बताया, सरकार ने आकस्मिक निर्यात बंद कर दिया है। इसके चलते व्यापारियों का व्यापार अस्थिर हो चुका है। वर्तमान में लाखों क्विंटल गेहूं से लदे ट्रक-ट्रॉले बंदरगाहों पर कई दिन से खड़े हैं। एक्सपोर्ट कंपनियां सौदे कैंसिल कर रही है और व्यापारियों का पैमेंट अटक गया है। सरकार को एक्सपोर्ट खोल देना चाहिए।