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महिला सुपरवाइजर ने शव के मास्क का उपयोग कर ली ऑक्सीजन, तब बची जान

छिन्दवाड़ा। आपने हिम्मत-ए-मर्दा तो मदद-ए-खुदा या ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’ कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी। दरअसल एक महिला सुपरवाइजर ने ऐसी ही हिम्मत दिखाकर कोरोना से अपनी जंग जीतकर अपनी जान खुद ही बचा ली।

यहां कोरोना वार्ड में भर्ती महिला सुपरवाइजर ने अपने साइड के बिस्तर पर पड़े शव से ऑक्सीजन निडिल निकाली और उसे सैनेटाइज कर खुद लगा ली। बता दें कि इस बात की जानकारी स्वंय महिला ने ही सभी को दी है। उन्होंने खुद वीडियो जारी कर यह घटना की जानकारी साझा की। यह सुन सभी उनकी हिम्मत की सराहना कर रहे है।

शव से ली ऑक्सीजन
छिन्दवाड़ा जिले के हर्रई ब्लॉक में महिला बाल विकास विभाग में सुपरवाईजर के पद पर पदस्थ आशा भारती कोरोना पॉजिटिव थी। उन्हें छिन्दवाड़ा जिला अस्पताल के फीमेल कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया था। इजाल के दौरान उनके साइड के एक मरीज की कोरोना से मौत हो गई थी। इस दौरान आशा भारती को ऑक्सीजन की आवश्यकता थी। उन्होंने अपनी सूझबूझ से मृत मरीज के चेहरे से ऑक्सीजन मास्क निकाला और उसे सैनेटाइज करने के बाद स्वयं को लगा लिया। इस तरह महिला ने स्वयं की जान बचाई। जब वह स्वस्थ होकर अस्पताल से बाहर निकली तो एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी कर आपबीती बताई।

कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है
महिला सुपरवाइजर ने वाकई हिम्मत दिखाते हुए अपनी जान को बचाई है, जबकि सामान्यत: कोरोना जैसी महामारी में लोग शवों को छूने से भी कतराते है। हालांकि महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है, और अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हौसला अगर हो तो कोरोना को हराया जा सकता है।

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