इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

खादीवाला परिवार के गांधी भवन ट्रस्ट का फर्जीवाड़ा पहुंचा थाने तक

  • बैंक में जमा एफडी तुड़वाकर निजी उपयोग में किया इस्तेमाल, पूर्व मंत्री व ट्रस्टी स्व. सुरेश सेठ के भी कर डाले फर्जी हस्ताक्षर…

इंदौर। शहर के प्रतिष्ठित खादीवाला परिवार में अब ट्रस्ट को लेकर विवाद चल रहा है। गांधी भवन ट्रस्ट पर आरोप लगे हैं कि कुछ ट्रस्टियों ने उसमें फर्जीवाड़ा किया और दस्तावेजों में कूटरचना कर फर्जी हस्ताक्षर के जरिए लाखों रुपए निकाल लिए। यहां तक कि पूर्व मंत्री और ट्रस्टी तथा दबंग कांग्रेस नेता रहे स्व. सुरेश सेठ के भी फर्जी हस्ताक्षर कर लिए गए। अब एक पक्ष ने मय दस्तावेजों के साथ पंढरीनाथ थाने में एफआई दर्ज करने के प्रयास भी शुरू किए।
इंदौर के पहले सांसद और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे स्व. कन्हैयालाल खादीवाला द्वारा स्थापित किया गया गांधी भवन ट्रस्ट पारिवारिक विवादों में उलझ गया है। उल्लेखनीय है कि गांधी भवन में ही कांग्रेस कार्यालय है और नीचे दुकानों का किराया भी ट्रस्ट को मिलता है। गोविंद खादीवाला के प्रधानमंत्री रहते तक तो ट्रस्ट का कामकाज तो ठीक चला, मगर उनके निधन के बाद सम्पत्ति से लेकर ट्रस्ट पर कब्जे के प्रयास होने लगे। यहां तक कि रीगल चौराहा का पम्प भी 6 माह से बंद पड़ा है। वहीं कस्तूरबा कन्या सेवा सदन भी विवादों में घिरा और गांधी भवन ट्रस्ट को लेकर भी एक ट्रस्टी श्रीमती नीलम पटेल ने थाना पंढरीनाथ में लिखित शिकायती पत्र देकर आशा खादीवाला, चेताली शर्मा और शिल्पा शाह पर कई तरह के आरोप लगाए। फर्जी हस्ताक्षर से अवैध रूप से साढ़े 12 लाख रुपए निकालने के साथ ही पूर्व ट्रस्टी और मंत्री स्व. सुरेश सेठ के भी फर्जी हस्ताक्षर का आरोप लगाया, क्योंकि उस तारीख को वे अस्पताल में भर्ती थे। इतना ही नहीं बैंकों में जमा एफडी भी बिना अनुमति तुड़वाने के आरोप ट्रस्टियों पर लगे हैं।


पंजीयक लोक न्यास ने भी पकड़ी कई गड़बडिय़ां
पंजीयक लोक न्यास और मल्हारगंज एसडीएम पराग जैन का भी कहना है कि ट्रस्ट से संबंधित शिकायतें उन्हें भी मिली है। पूर्व में ट्रस्ट में मृत सदस्यों के नाम पर नए ट्रस्टों को भी अवैध तरीके से शामिल किया गया और मान्य प्रक्रिया का पालन ना होने पर आवेदन खारिज भी कर दिया था। अब जो नए आरोप कुछ ट्रस्टों ने लगाए हैं उसकी भी जांच लोकसेवा न्यास द्वारा की जाएगी। दरअसल ट्रस्ट में 11 लोग शामिल रहते हैं। इनमें से 7 पुराने ट्रस्टी हैं और 4 की मौत होने पर उनकी जगह नए ट्रस्टियों को शामिल करना है। मगर इसकी भी प्रक्रिया मौजूदा ट्रस्टियों ने नियम अनुसार पूरी नहीं की, जिसके चलते पंजीयक लोक न्यास ने आवेदन खारिज किया।


 

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