- उज्जैन का मानसूनी कोटा भी हो गया पूरा.. शहरी क्षेत्र में 27 इंच तो तहसीलों में 42 इंच बारिश हो गई
भंडारण की व्यवस्था होती तो सहज कर रख लेते
उज्जैन। गंभीर डेम के भरने से अतिरिक्त पानी को बहाना पड़ा और गेट खोलना पड़े लेकिन यदि एक और डेम होता और यदि गंभीर डेम की क्षमता अधिक होता तो पानी और रोका जा सकता था। समस्या यह नहीं कि बारिश कम होती है बल्कि यह है कि हम हमारे पास भंडारण की व्यवस्था पर्याप्त नहीं हैं। यशवंत सागर के ओवरफ्लो का पानी गंभीर बांध में पहुंचता है। कल खुले गेट के चलते गंभीर बांध आज सुबह 5 बजे अपनी पूरी क्षमता 2250 एमसीएफटी प्राप्त कर लबालब भर गया, जिसके चलते उज्जैन में भी जलसंकट खत्म हो गया।
उज्जैन जिले में सामान्यत: 36 इंच अच्छी बारिश मानी जाती है और इस बार मानसूनी कोटा शहरी क्षेत्र में पूरा नहीं हुआ है, क्योंकि शहर में बारिश का आंकड़ा कल शाम तक 27 इंच हुआ था, जबकि जिले में ग्रामीण इलाकों का आंकड़ा 42 इंच तक पहुँच गया है। हालांकि अभी बारिश के आसार लगातार बने हुए हैं और सितंबर के अंतिम दिनों में भी मौसम विभाग ने बारिश की अच्छी संभावना व्यक्त की है। इधर यशवंत सागर से पानी की आवक के चलते गंभीर बांध का कल दिनभर एक गेट आधा मीटर से ज्यादा खोलकर रखना पड़ा था। इधर कल शाम को शिप्रा नदी का भी अचानक जलस्तर बढ़ गया था। शाम तक रामघाट से लेकर छोटे पुल तक के घाटों के कई मंदिर आधे से ऊपर जल मग्न नजर आ रहे थे। गंभीर और शिप्रा में उफान के बावजूद साहिबखेड़ी, उंडासा तालाब और अन्य जलाशयों में इस बार 40 प्रतिशत पानी ही भर पाया है।
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