इंदौर न्यूज़ (Indore News)

जयपुर के कारीगर और पंजाब के कारपेंटरों की मेहनत ने चमकाया गोपाल मंदिर

  • 2017 में शुरू हुआ था काम, साढ़े 17 करोड़ से अब तक कई कार्य किए, अब काम अंतिम दौर में

इंदौर। वर्षों पुराने गोपाल मंदिर को साढ़े 17 करोड़ से संवारने का काम अंतिम दौर में है। पांच ब्लाक बनाकर काम शुरू किया गया और इसके लिए लकड़ी की कारीगरी के लिए पंजाब से कारपेंटरों तो वहां लगे पत्थरों के लिए जयपुर से टीम बुलवाई गई थी, जिन्होंने सारे काम को अंजाम दे दिया है। अब बचे शेष कार्य पूरे किए जा रहे हैं।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम ने वर्ष 2017 में गोपाल मंदिर को संवारने का काम शुरू किया था। शुरुआती दौर में मंदिर की जीर्ण-शीर्ण हालत और आसपास ढहते हिस्से के कारण कई बार अधिकारियों को पसीना आने लगा था, क्योंकि कई हिस्से ढहने की हालत में थे। ठेका लेने वाली फर्मों और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने जैसे-तैसे इस मामले को संभालकर काम शुरू कराया और आज गोपाल मंदिर का पूरा परिसर चमक रहा है। दो से तीन हफ्तों का काम बाकी है, लेकिन कुछ कारणों के चलते ठेका लेने वाली फर्म अभी कार्यों पर मंथन कर रही है।


अब भारी बारिश के बाद स्थिति देखेंगे
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों के मुताबिक गोपाल मंदिर को संवारने का काम अंतिम दौर में है। छतों के हिस्सों की मरम्मत करने के साथ-साथ कई हिस्सों में कार्य किया गया था। अब परिसर और अन्य स्थानों पर अंतिम दौर के फिनिशिंग कार्य चल रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि छतों से पानी नहीं टपके इसके लिए भारी बारिश का इंतजार हो रहा है। दो-तीन ऐसी बारिश के बाद स्थिति देखकर वहां कुछ सुधार कार्य के निर्णय लेकर कुछ और कार्य कराए जा सकते हैं।

ऊपरी मंजिल पर आर्ट गैलरी बनाने की तैयारी
गोपाल मंदिर का काम शुरू करने से पहले वहां एक से लेकर पांच तक ब्लाक बनाए गए थे और अलग-अलग हिस्सों में काम शुरू करने के साथ ही जयपुर और पंजाब से कारीगरों की टीम बुलवाई गई थी। 80 लोगों की टीमों ने लगातार काम करते हुए गोपाल मंदिर को बेहतरीन स्वरूप में बदल दिया। अब ऊपरी मंजिल पर आर्ट गैलरी बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए अधिकारियों ने वहां कला जगत से जुड़ी हस्तियों को बुलाकर राय भी ली। आने वाले दिनों में इसका काम भी शुरू हो जाएगा। अफसरों का कहना है कि वैसे तो गोपाल मंदिर परिसर को संवारने का काम पूरा हो चुका है, लेकिन कुछ कार्य और बारिश के चलते इसका लोकार्पण एक माह बाद ही कराने की तैयारी है।

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