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ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रगान में बदलाव से मूलवासी संतुष्‍ट नहीं, कहा-गोरों के वर्चस्व का गान


कैनबरा । नए साल के साथ ऑस्ट्रेलिया (Australia) ने अपने मूलवासी समुदाय के साथ इंसाफ की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया। इस कदम को इसलिए भी उल्लेखनीय माना जा रहा है कि इसके लिए पहल प्रधानमंत्री (Prime Minister) स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) की कंजरवेटिव सरकार ने की। मॉरिसन की पार्टी अतीत में ऐसे किसी बदलाव के खिलाफ थी। लेकिन अब उसने देश के राष्ट्रगान में बदलाव का कदम उठाया, तो इसे इस बात का सबूत माना गया है कि इस मसले पर देश में आम सहमति बन गई है। विपक्षी लेबर पार्टी लंबे समय से इस बदलाव की वकालत कर रही थी। उसने इस कदम का स्वागत किया है।

इस परिवर्तन के तहत अब देश के राष्ट्रगान (national anthem of Australia) की पहली लाइन बदल जाएगी। इस लाइन में अब “यंग एंड फ्री” (युवा और स्वतंत्र) शब्दों के बजाय “वन एंड फ्री” (एक और स्वतंत्र) शब्दों का इस्तेमाल होगा। पहले ये लाइन थी- ‘ऑस्ट्रेलियन्स ऑल लेट्स रिजॉयस, फॉर वी आर यंग एंड फ्री’। अब ये लाइन होगी- ‘ऑस्ट्रेलियन्स ऑल लेट्स रिजॉयस, फॉर वी आर वन एंड फ्री’। आलोचक लंबे समय से यह कहते थे कि ऑस्ट्रेलिया खुद को यंग यानी युवा देश बता कर मूलवासियों को अपने इतिहास से अलग कर देता है। अब वन शब्द आने का संदेश होगा कि ऑस्ट्रेलिया के सभी निवासियों की देश में समान हैसियत है।

ऑस्ट्रेलिया पर जब ब्रिटेन के लोगों ने कब्जा किया, तब वहां की मूलवसी आबादी को हिंसा का शिकार होना पड़ा। उन्हें दूर-दराज के इलाकों में खदेड़ दिया गया। ब्रिटिश मूल के लोगों की ही यहां बहुसंख्या हो गई। इस समुदाय ने लंबे समय तक मूलवासी समुदायों के हितों, भाषा और संस्कृति की अनदेखी की। अब इस एतिहासिक गलती को सुधारने की दिशा में एक कदम उठाया गया है। लेकिन लेबर पार्टी ने कहा है कि यह महज प्रतीकात्मक कदम है। असल सवाल यह है कि मूलवासी समुदाय की संसद में नुमाइंदगी तय करने की संवैधानिक व्यवस्था हो। ग्रीन पार्टी ने मूलवासी और बाद में आकर बसे समुदायों के बीच एक संधि करने की मांग की है, ताकि मूलवासियों के अधिकारों को सुरक्षित किया जा सके।

मूलवासी कमिलारोई समुदाय से आने वाले और इंडिजिनसएक्स नाम की वेबसाइट के संपादक ल्यूक पियरसन ने अखबार द गार्जियन के ऑस्ट्रेलियाई संस्करण से कहा कि यह प्रतीकात्मक कदम असहमति की आवाजों को चुप कराने के लिए उठाया गया है। इसमें असहमति के मूल स्वरूप की नासमझी दिखती है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी हर साल (ब्रिटिश) आक्रमण दिवस पर उत्सव का आयोजन करती है। उसकी तरफ से लाया गया बदलाव निरर्थक है।

मूलवासी समुदाय से आने वाले स्टार बॉक्सर एंथनी मंडाइन खेल प्रतियोगिताओं के दौरान ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रगान गाने से इनकार करते रहे हैं। स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक वे भी ताजा कदम से बहुत प्रभावित नहीं हैं। मुंडाइन ने कहा है कि ये राष्ट्रगान देश में गोरों के वर्चस्व का गान रहा है। इसमें कोई आमूल बदलाव नहीं किया गया है। बदलाव करते वक्त रूढ़िवादी गोरे समुदाय की भावनाओं का ख्याल रखा गया है।

कुछ कंजरवेटिव नेताओं की तरफ से इस बदलाव का भी विरोध किया गया है। पूर्व मंत्री और सीनेटर मैथ्यू कानावान ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि ऑस्ट्रेलिया एक युवा देश है। यह कुछ पुरानी संस्कृतियों के बोझ से दबा हुआ नहीं है। उन्होंने कहा कि विदेशों से लोग यहां इसीलिए आना चाहते हैं, क्योंकि वे यहां नई और युवा शुरुआत करना चाहते हैं।

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